वाराणसी (ब्यूरो)बीएचयू अस्पताल में वर्ष 2008 तक 80 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट हो चुका है, उसके बाद प्रत्यारोपण बंद कर दिया गयापिछले डेढ़ वर्ष में नए सिरे से प्रयास चल रहा थापांच साल के लिए लाइसेंस का नवीकरण हुआ हैगुरुवार को करीब 16 साल बाद किडनी प्रत्यारोपण हुआचार घंटे में मरीज की किडनी प्रत्यारोपित की गईट्रांसप्लांट के समय 65 हजार रुपये का एक इंजेक्शन लगाकरीब 10 हजार रुपये के उपकरण का इस्तेमाल हुआकरीब ढाई लाख रुपये कुल खर्च आया

खर्च एसजीपीजीआइ लखनऊ के बराबर

यह खर्च एसजीपीजीआइ लखनऊ के बराबर है, लेकिन अन्य प्रदेशों में किए जा रहे ट्रांसप्लांट से बहुत कमहास्पिटल की कमेटी ने एक सप्ताह पहले ट्रांसप्लांट की स्वीकृति दी थीनेफ्रोलाजी विभाग के प्रोशिवेंद्र ङ्क्षसह ने बताया कि रोहनिया बाईपास के संतोष कुमार (बदला नाम) का सिर्फ 34 साल की आयु में दोनों गुर्दा खराब हो चुका थाक्रोनिक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस बीमारी के कारण मरीज डेढ़ साल से डायलिसिस पर थाउनकी पत्नी ने अपनी एक किडनी उन्हें दी हैसर्जरी के बाद दोनों की हालत बेहतर हैदो सप्ताह तक मरीज का फालोअप किया जाएगाकई तरह की जांचें की जाएंगे

प्री-ट्रांसप्लांट का थर्ड लाइन वर्क अप

वैसे सर्जरी के पहले प्री-ट्रांसप्लांट का थर्ड लाइन वर्क अप पूर्ण कर लिया गया थाअच्छी रिपोर्ट आई हैएनिस्थिसिया, नेफ्रोलाजी और यूरोलाजी विभाग ने मिलकर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूर्ण की हैकिडनी ट्रांसप्लांट के लिए दो और मरीजों ने आवेदन किया हैउनकी प्रथम और द्वितीय लाइन की जांच चल रही हैएक मरीज की किडनी प्रत्यारोपित करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में हैकिडनी प्रत्यारोपण के दौरान डासमीर त्रिवेदी, डाआरबी राम, डासंदीप लोहा, डायशस्वी ङ्क्षसह, डाअखिल कुमार और डाउज्ज्वल कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

क्या है बीमारी

क्रोनिक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस बीमारी युवा पुरुषों को होती है, जिन्हें सुनने व ²ष्टि हानि भी हो सकती हैकुछ रूप प्रतिरक्षा प्रणाली में परिवर्तन के कारण होते हैंइस बीमारी में विषाक्त पदार्थ, अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ मूत्र में ठीक से फिल्टर नहीं होते हैंवह शरीर में जमा होकर सूजन और थकान पैदा करते हैं.

बीएचयू अस्पताल में भविष्य में कुछ और मरीजों के किडनी ट्रांसप्लांट किए जाएंगेलाइसेंस नवीकरण के बाद पहला ट्रांसप्लांट सफल रहा है

प्रोएसएन संखवार, निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू