- कभी जहां लगी रहती थी कॉल की कतार, आज है फोन का इंतजार

-कोविड कमांड सेंटर ने संक्रमण के दौरान निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

- आज भी संक्रमण से प्रभावित को कॉल कर सुबह शाम सेहत का रखा जा रहा ख्याल

- पहले जहां आते थे दो सौ से ऊपर कॉल आज आते हैं केवल दो-चार की संख्या में कॉल

वाराणसी में जनवरी 2021 से ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है। वहीं होम क्वारंटाइन में रखकर भी संभावित मरीजों को घर पर ही उपचार दिया जा रहा है। इस कार्य में कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सेंटर में आने वाले कॉल से मरीजों को उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली और दी जा रही है। हालांकि अब कॉल की संख्या सीमित ही है। लेकिन एक समय ऐसा था जब यहां कॉल की कतार लगी रहती थी, लोग मदद की गुहार लगाए नहीं थकते थे।

स्मार्ट सिटी के तहत बनारस में बनाये गए कोविड कमांड सेंटर के प्रभारी डॉ। शिव सागर कन्नौजिया ने बताया कि कोरोना का वह दौर भुलाए नहीं भूलता है। हर रोज दो सौ से ज्यादा कॉल आते थे, जिसमें लोग रोते और बिलखते थे। किसी तरह से मैनेज कर उनका उपचार कराया जाता था। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग की टीम अपनी जान हथेली पर रख कार्य करती थी। हालांकि आज बहुत राहत है। अब तो दिन में दो चार फोन ही आते हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।

कंटोल रूप होता थ तत्काल एक्टिव

कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के स्वस्थ्य होने में उनकी हिम्मत और सहयोग सबसे ज्यादा जरूरी है। मरीज कोरोना संक्रमण को लेकर किसी तरह का तनाव न लें। इसके लिए कंट्रोल रूम की टीम मरीजों से बात करके उनके विचार और मनोदशा जानती है। मरीज की स्थिति के अनुसार उसे मार्गदर्शन और उपचार दिया जाता है। संक्रमण काल के दौरान जैसे ही मरीज के यहां से कॉल आती थी तो उस कॉल को तत्काल चिकित्सक के पास फारवर्ड कर दिया जाता था। इसके साथ ही मरीज के उपचार के लिए पूरा अमला एक्टिव हो जाया करता था। लेकिन समय बीतता गया और आज के समय कोविड कमांड सेंटर पर कॉल को हैंडल करने वालों को कॉल का इंतजार रहता है। स्थिति यह है कि अब दिन में तीन या चार फोन ही आते हैं।

तत्काल किया जाता है ट्रांसफर

कमांड सेंटर में तैनात चिकित्सक डॉ। सौरभ ने बताया कि जैसे ही मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है तत्काल उन्हें कोरोना फाइटर टीम के माध्यम से एंबुलेंस प्रभारी से संपर्क कर बीएचयू में बने तीन स्टेज के मरीजों जैसे एल-1, एल-2 और एल-3 में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

अब सामान्य सवाल आते हैं

कोविड कमांड सेंटर पर वर्तमान में वैसे तो दिनभर में दो या चार कॉल ही आते हैं। लेकिन उनमें से अधिकतर सामान्य रोगों के सवाल होते हैं, अधिकतर बुखार, खांसी, सांस, बीपी आदि समस्या से संबंधित सवाल होते हैं।

कारगर साबित हुआ सेंटर

जिस समय कोरोना संक्रमण अपने चरम पर था। उस समय यह सेंटर बेहद कारगर साबित हुआ। हर रोज हजारों कॉल रिसीव करना और क्विक एक्शन में लोगों की परेशानी सुनकर, व्यवस्था बताने के कारण इसकी उपयोगिता जनसमुदाय में देखने को मिली।

लेते हैं फीडबैक

कोविड कमांड सेंटर पर मौजूद काउंसलर डॉ। सौरभ सिंह ने बताया कि जो मरीज भर्ती होते हैं उनसे संपर्क कर अस्पताल की साफ-सफाई कैसी है, भोजन कैसा मिल रहा है, डॉक्टर समय से चेक करने आते हैं या नहीं, पानी की क्या सुविधा है, दवा की क्या व्यवस्था है इन सभी बातों की जानकारी ली जाती है।

:::: कोट ::::

वर्तमान समय में कुल 49 एक्टिव मामले हैं, जिनका फीडबैक लिया जाता है। सुबह-शाम उनका फीडबैक लिया जाता है। उन्हें क्या दिक्कत आ रही है, स्वास्थ्य कैसा है इस संबंध में पूछा जाता है। उनकी समस्याओं का समाधान भी कराया जाता है। फोन कॉल अब काफी कम हो गए हैं। कई बार तो इंतजार में रहना पड़ता है।

-डॉ। शिव सागर कन्नौजिया, प्रभारी कोविड कमांड सेंटर