- काशी विद्यापीठ ओएमआर शीट पर कराएगा एग्जाम

-यूनिवर्सिटी पीजी लास्ट ईयर परीक्षा के लिये होगा ओएमआर शीट का यूज

-बीएड एंट्रेंस के लिए पहले ग्रेजुएशन का होगा एग्जाम

कोरोना महामारी को देखते हुए काशी विद्यापीठ के पीजी लास्ट ईयर की परीक्षाएं ओएमआर (ऑप्टिकल मार्कर रीडर) शीट पर कराई जाएंगी। परीक्षा में लांग व लघु उत्तरीय के बजाय बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। एक क्वैश्चन के चार विकल्प दिए जाएंगे। इसमें से सही विकल्प के गोले में काले पेन या पेंसिल से भरना होगा। परीक्षाíथयों को दो घंटे में 100 क्वैश्चंस का उत्तर देना होगा। हालांकि इसके पहले यूजी का एनुअल एग्जाम कराने की कवायद चल रही है।

सेशन को रेग्युलर बनाना मकसद

पीजी के सेमेस्टर एग्जाम को ओएमआर शीट से कराने के लिए वीसी प्रो। टीएन सिंह की अध्यक्षता में गत दिनों परीक्षा समिति ने इसकी मंजूरी दी। अब इस प्रस्ताव को वित्त समिति से मंजूरी मिलने के बाद ओएमआर आधारित प्रश्नपत्र बनाए जाएंगे। शासन ने कोविड-19 महामारी के चलते ऑनलाइन पठन-पाठन को बढ़ावा देने के साथ परीक्षाएं व मूल्यांकन भी कम समय में कराने का सुझाव दिया है। वहीं, परीक्षा में बहुविकल्पीय सवाल पूछने पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि कंप्यूटर से मूल्यांकन कर कम समय में रिजल्ट जारी किया जा सके। इसके पीछे शासन की मंशा सेशन को रेग्युलर बनाए रखना है। काशी विद्यापीठ में रूरल व सिटी दोनों क्षेत्रों के स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। इसे देखते हुए यूनिवर्सिटी की परीक्षा समिति ने ऑनलाइन परीक्षा के प्रपोजल को खारिज कर दिया है।

दो हफ्ते में खत्म होगा एग्जाम

कोविड 19 के कारण पीजी के सेमेस्टर एग्जाम को ओएमआर शीट से कराने की तैयारी के बीच स्नातक स्तर का एग्जाम पहले जैसा ही होगा। ग्रेजुएशन की स्थगित वार्षिक परीक्षाएं जैसे चल रही थीं वैसे ही कराई जाएंगी। हालांकि परीक्षा का समय व प्रश्न कम किए जाएंगे। स्नातकोत्तर स्तर के सभी सेमेस्टर की परीक्षाएं ओएमआर शीट पर व दो हफ्ते में समाप्त करने का टारगेट है। उधर ओएमआर शीट पर एग्जाम कराने से यूनिवर्सिटी को सादी कॉपियों की छपायी व मूल्यांकन मद में होने वाले खर्च की सेविंग होगी। परीक्षाएं जुलाई में कराने का प्रपोजल है।

दूसरे दिन मिल जायेगा रिजल्ट

ऑप्टिकल माइकर रिकगनिशन (ओएमआर) शीट पर परीक्षा लेने का सबसे बड़ा फायदा है कि परीक्षा के दूसरे दिन ही रिजल्ट डिक्लेयर हो जाएगा। ओएमआर शीट को कम्प्यूटर से चेक करवाया जाता है इसलिए अधिक समय नहीं लगता है। ऐसे में रिजल्ट डिक्लेयर करना आसान होगा।

नकल रोकने की होगी चुनौती

कैंपस में ओएमआर शीट पर परीक्षा कराना तो आसान है लेकिन नकल रोकना टेढ़ी खीर है। यदि एफिलिएटेड कॉलेजेज में भी यही व्यवस्था लागू होती है तो वहां पर सामूहिक नकल होगी ओर फ्लाइंग स्क्वाड भी इसे नहीं पकड़ पायेगा। फिलहाल यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन लगातार अपने को हाईटेक कर रहा है, जिसका फायदा स्टूडेंट्स को ही होगा। खासकर कोरोना महामारी के बीच इस तरह का प्रयोग करना ही होगा।

बीएड एंट्रेंस एग्जाम को देखते हुए पहले ग्रेजुएशन का एनुअल एग्जाम प्रियॉरिटी पर है। इसके बाद पीजी का एग्जाम कराया जाएगा। जिसको ओएमआर शीट पर कराने की तैयारी हो रही है।

प्रो। टीएन सिंह, वीसी

काशी विद्यापीठ