- बिना जांच के जारी कर देते थे सार्टिफिकेट

वाराणसी में वाहनों के बिना प्रदूषण जांच के ही फिटनेस प्रमाणपत्र देने वाले तीन केंद्रों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। तीनों केंद्रों को पूर्व में नोटिस जारी करते हुए समय सीमा के अंदर जवाब मांगा गया था, लेकिन समय बीत गया और प्रदूषण केंद्र की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब विभाग को नहीं मिला है, इस कारण से विभाग अब उनके खिलाफ यह कार्रवाई करने की योजना बना रहा है।

वाहनों के मौके पर ले जाए बगैर ही केंद्र संचालक द्वारा प्रदूषण जांच के ही फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने का मामला सामने आया था। एआरटीओ प्रशासन सर्वेश कुमार चतुर्वेदी ने इसकी जांच का जिम्मा संभागीय निरीक्षक सिद्धु कुमार सौंपा था। जांच में मेसर्स साईं समाज कल्याण सेवा, मेसर्स मां प्रभावती समाज कल्याण सेवा समिति और मेसर्स हीरावती समाज कल्याण सेवा समिति को दोषी पाया गया था।

52 जांच केंद्र

वाराणसी जिले में प्रदूषण जांच करने वाले 52 केंद्र परिवहन विभाग की ओर से अधिकृत हैं। अधिकतर केंद्रों पर बिना वाहनों को ले जाए ही कुछ ज्यादा पैसे लेकर केवल फोटो के आधार पर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जा रहा है।

आरआई से प्रदूषण जांच केंद्रों पर औचक निरीक्षण कराया गया था। इस दौरान तीन केंद्र ऐसे मिले जहां भारी अनियमितताएं मिलीं। जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया था कि यहां बिना वाहन के आए ही प्रदूषण फिटनेस प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जाता है। नियमों के क्रम में नोटिस जारी कर तीन दिनों के अंदर अपने पक्ष रखने का निर्देश दिया गया था लेकिन पांच दिन बाद भी कोई जवाब नहीं मिला, जिसका मतलब साफ है। ऐसे में अब उन केंद्रों के निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

सर्वेश कुमार चतुर्वेदी

एआरटीओ प्रशासन