वाराणसी (ब्यूरो)। आम नागरिकों की चिकित्सा सेवाओं में कहीं कोई कमी न रह जाए, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग आए दिन निर्देश जारी करता है। लेकिन फिल्ड में काम करने वाले अधिकारी उनके निर्देशों को कूड़े के ढेर में डालकर अपने हिसाब से ही काम करते हैं। इस वजह से सरकार की मंशा के अनुसार लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। निर्देश के अनुसार शहरी सीएचसी चौकाघाट, शिवपुर, भेलूपुर व दुर्गाकुंड में रात में इमरजेंसी सेवाएं चालू रखनी हैं, लेकिन यहां शहर में शाम होते ही इन पर ताला लग जाता है। सोमवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रियलिटी चेक किया तो इन चार में से तीन पर ताला लटका मिला.
देर रात में पहुंची टीम
सोमवार की देर रात दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम जब शहरी सीएचसी पर स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जानने पहुंची तो चौकाघाट के अलावा तीनों सीएचसी बंद मिले। शिवपुर का शहरी स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से बंद था। वहां सिर्फ एक स्वीपर था और अस्पताल के सभी कमरों पर ताला लगा था। जब भेलूपुर और दुर्गांकुंड पर गए तो वह पूरी तरह बंद मिला, कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था.
अब ग्रामीण में भी
सीएमओ कार्यालय के अनुसार शहर के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर, चौकाघाट, भेलूपुर व दुर्गाकुण्ड में पहले से ही 24 घंटे आपातकालीन सेवा उपलब्ध है। अब स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद 27 अप्रैल से ग्रामीण इलाके की सभी सीएचसी व पीएचसी पर भी रात्रिकालीन इमरजेंसी सेवा शुरू कर दी गई है।
यहां मिलेगी सेवा
ग्रामीण इलाकों में सीएचसी नरपतपुर, चोलापुर, पुआरीकला, विरांवकोट, गंगापुर, हाथी बाजार, आराजीलाइन, मिसिरपुर के अलावा ब्लाक सीएचसी चोलापुर, ब्लाक सीएचसी आराजीलाइन और ब्लाक पीएचसी चिरईगांव, चोलापुर, हरहुआ, बड़ागांव, पिण्डरा, सेवापुरी, काशी विद्यापीठ में भी 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध हैं।
सांध्यकालीन सेवा भी
शहर के 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सांध्यकालीन सेवाएं भी दी जा रही हैं। इनमें शहरी पीएचसी आनंदमयी, पाण्डेयपुर, कोनिया, मदनपुरा, सेवासदन, जैतपुरा, बेनिया, अर्दलीबाजार, भेलूपुर, लल्लापुरा, राजघाट व टाउनहाल शामिल हैं। ये सभी पीएचसी सुबह नौ बजे से रात्रि आठ बजे तक खोले जाने के निर्देश हैं.
डिप्टी सीएम कानिर्देश
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने हाल ही में वाराणसी का दौरा कर जिले के स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जाना। उन्होंने दुव्र्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी भी जताई थी।
सीएमओ का निर्देश
सभी चिकित्सालयों को निर्धारित समयानुसार खोला जाए
चिकित्सकों सहित अन्य कर्मियों की उपस्थिति समय से सुनिश्चित की जाए
सभी चिकित्सालयों ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य केद्रों में 24 घंटे आकस्मिक सेवाएं सुदृढ रखी जाएं
चिकित्सा एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी रोस्टर के अनुसार लगाई जाए
शहरी क्षेत्र के 12 चिकित्सालयों सायंकालीन ओपीडी (4 से 8 बजे तक) में चिकित्सक की उपस्थिति प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की ओर से सुनिश्चित करने के बाद ही चिकित्सालय छोड़ा जाए.
हमारा केंद्र खुला था, हां ये जरूर है कि कल गेट बंद था जो नहीं करना चाहिए था। रात को हम इमरजेंसी सेवा देते हैं.
डॉ। सारिका राय, अधीछक, दुर्गाकुंड सीएचसी
हमारे यहां डॉक्टरों की अभी कमी है, हम पूरी कोशिश करते हैं कि रात में कोई न कोई रहे। अगर कल कोई नहीं था तो इसकी मैं जानकारी लेता हूं.
डॉ। छितीज तिवारी, अधीक्षक, भेलूपुर सीएचसी
हमारे केंद्र पर एक गार्ड था। यदि कोई इमरजेंसी आती है तो कॉल पर हम तुरंत आ जाते हैं। हमारा क्वार्टर परिसर में ही है.
डॉ। हरीश चंद्र मौर्या, अधीक्षक, सीएचसी शिवपुर
अभी मैं इन अस्पतालों के प्रभारियों से बात करुंगा, अगर इन अस्पतालों पर मरीजों को इमरजेंसी सेवा नहीं मिल रही है तो जल्द ही सभी स्वास्थ्य अधिकारियों पर कार्रवाई करुंगा।
डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ