-सेंड मनी की जगह भेज रहे रिक्वेस्ट मनी का मैसेज
-हर रोज साइबर सेल के पास पहुंच रही शिकायत
विनोद शर्मा
केस-1
हुकुलगंज के रहने वाले रत्नेश कुमार प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। उनके मोबाइल पर सामान खरीदने के लिए मैसेज आया। उस पर क्लिक करते ही सेंड मनी की जगह रिक्वेस्ट मनी का मैसेज आया। उसे क्लिक करते ही उनके एकाउंट से 34 सौ रुपये कट गये।
केस-2
लोहटिया के रहने वाले मनीष बरनवाल लॉकडाउन के दौरान अधिक से अधिक पे फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि कोरोना को लेकर देश में संकट की स्थित है। ऐसे में कुछ सहयोग के रूप में धन दें। उन्होंने लिंक को क्लिक किया तो बैंक से 8 हजार उड़ गए।
ये दो केस सिर्फ बानगी है। लॉकडाउन के दौरान साइबर सेल में ठगी के कई मामले आ चुके हैं, इसमें जालसाज लॉकडाउन में अलग-अलग बहानों से लोगों के बैंक एकाउंट से पैसा उड़ा दे रहे हैं। लॉकडाउन में जरूरी सेवाओं को छोड़कर अधिकतर चीजें बंद हैं, लेकिन ठगी थमने का नाम नहीं ले रही। जालसाजों ने लॉकडाउन व कोरोना को भी एक मौका बना लिया है और इसके नाम पर ठगी कर रहे हैं। ठगी के बहाने भी बदल गए हैं। झांसा लॉकडाउन से जुड़ा होता है, ऐसे में लोग आसानी से शिकार बन रहे हैं।
बैंक के बहाने कर रहे ठगी
लॉकडाउन में लोगों को आर्थिक बोझ से बचाने के लिए सरकार ने सभी तरह के लोन व क्रेडिट कार्ड की ईएमआई को तीन माह तक आगे बढ़ाने को कहा था। इस सेवा को बैंकों ने वैकल्पिक रखा है। जिन लोगों को ईएमआई आगे बढ़वानी है उन्हें कन्फर्म करना है। ठगों ने इसका फायदा उठाते हुए लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। इसमें दो तरह से ठगी हो रही है। इसके अलावा जालसाजों ने अभी प्रधानमंत्री राहत कोष के नाम पर कई फर्जी अकाउंट बना लिए हैं। वेबसाइट, मेसेज, मेल व वॉट्सऐप करके प्रधानमंत्री राहत कोष की फर्जी यूपीआई आईडी शेयर की जाती है। इसमें लोगों को दान देने को कहा जाता है। पेमेंट करते ही ठगों के पास डिटेल चली जाती है। इसके बाद वह चपत लगा देते हैं।
जल्दबाजी में न करें मैसेज क्लिक
सामान खरीदने के लिए एडवांस पैसे भेजने के नाम पर जालसाजों की ओर से सेंड मनी की जगह रिक्वेस्ट मनी का मैसेज भेजा जाता है। जल्दबाजी में लोग उसे क्लिक कर देते हैं। जिसकी वजह से फोन से जुड़े बैंक खाते से रकम जालसाजों के खाते में ट्रांसफर हो जाती है। बैंकिंग एप जैसे फोन-पे, पेटीएम, भीम यूपीआई पर सेंड मनी और रिक्वेस्ट मनी के दो ऑप्शन होते हैं। अगर खरीदार द्वारा विक्रेता को पैसा भेजना है तो उसके लिए कोई मैसेज भेजने की जरूरत ही नहीं होती है। सेंड मनी विकल्प से खरीदार पैसे को विक्रेता के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर कर सकता है।
-विजय श्रीवास्तव, कोऑर्डिनेटर, साइबर क्राइम टीम
ये सावधानियां जरूरी:-
-जिस फोन नंबर से आपका बैंक खाता जुड़ा हो, उस पर आए किसी भी लिंक को क्लिक न करें।
-पैसों के लेनदेन के लिए आए मैसेज को ध्यान से पढ़ें।
-सामान के विज्ञापन में अपने नंबर को हाइड रखें।
-अगर कोई बात करनी है तो पर्सनल व्हाट्सएप पर चैट न करें
-मोबाइल बैंकिंग नंबर देते समय जरूर ध्यान रखें कि पैसे मंगाने के लिए रिक्वेस्ट मनी लिंक की जरूरत ही नहीं होती है।
-ईएमआई आगे बढ़ानी है तो संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाएं।
-वेबसाइट असली है या फर्जी, इसे चेक करने के लिए एड्रेस बार को देखें। -यहां अगर डोमेन से पहले हरे रंग में सिक्योर लिखा है और ताले का सिंबल बना है, तो वेबसाइट असली है।
वर्जन
अभी लोग खाली हैं, तो फोन ज्यादा यूज करते हैं। लोगों को अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए। साथ ही अपने बैंक अकाउंट व डेबिट व क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी भी किसी से शेयर नहीं करनी चाहिए।
ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद, एसपी क्राइम