मेरी जिंदगी में साइकिल के कई किस्से हैं। मुझे आज भी याद है कि जब मैं 6वीं क्लास में था। स्कूल बहुत दूर हुआ करता था तो पापा ने मुझे साइकिल गिफ्ट कर दी। उस दिन तो ऐसा लगा जैसे मानो मेरे पंख लग गए हों। हर दिन तकरीबन 20 से 25 किमी साइकिल चलाता था। साइकिलिंग की वजह से मेरी हाइट भी बहुत तेजी से बढ़ी। कॉलेज आया तो साइकिल दूर हो गई, लेकिन पुलिस ज्वाइन करने के बाद फिर उसके साथ एक बार जुड़ाव हुआ। जब मैं आगरा में आईजी था, तब साइकिलिंग से ही थाने पहुंच जाता था। साइकिल चलाने से व्यक्ति फिट रहता है। हर किसी को 30 मिनट साइकिल चलाना चाहिये।

ए सतीश गणेश, पुलिस कमिश्नर