-संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के नये वीसी ने संभाला चार्ज

-ऑफिसर्स संग मीटिंग के बाद नयी योजना की दी जानकारी

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में अब रोजगारपरक कोर्स की भी पढ़ाई होगी। इससे संस्कृत के स्टूडेंट्स को आसानी से जॉब मिल सकेगी। इसके तहत यूनिवर्सिटी में जल्द ही एमबीए की पढ़ाई शुरू होगी। श्रीमद्भागवत गीता को जोड़कर एमबीए का कोर्स तैयार किया जाएगा। यह जानकारी नवनियुक्त वीसी प्रो। हरेराम त्रिपाठी ने शनिवार को दी। उन्होंने बताया कि एमबीए जैसे अन्य रोजगारपरक पाठ्यक्रमों शुरू करने के लिए जल्द ही विस्तृत कार्य योजना बनाई जाएगी। इसके पहले उन्होंने 35वें कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला। बता दें कि वर्तमान में वीसी का चार्ज लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो। आलोक कुमार राय संभाल रहे थे।

विवि को व‌र्ल्ड लेवल का बनाने का प्रयास

यूनिवर्सिटी पहुंचे नवनियुक्त वीसी ने चार्ज संभालने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि टीचर्स, ऑफिसर्स, कर्मचारियों व छात्रों सभी के सहयोग से संस्था को व‌र्ल्ड लेवल का बनाने का प्रयास किया जाएगा। यह विश्वविद्यालय दुनिया का प्राचीनतम् प्राच्य विद्या का केंद्र है। देश में सभी 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों को इससे जोड़ने के लिए भी इसे नोडल सेंटर के रूप में तैयार किया जाएगा। कहा कि पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शास्त्री के कोर्सेस को तैयार करना व 15 अगस्त तक एग्जाम कराना है। ताकि सेशन को पटरी पर लाया जा सके।

सीएसआर फंड से होगा विकास

प्रो। हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि यूनिवर्सिटी में रखे दुर्लभ पांडुलिपियों का संरक्षण, लाइब्रेरी का डिजिटलाइजेशन कराने, संस्था से जुड़े विद्वानों की डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनवाने, प्राचीन वेधशाला की मरम्मत कराने की योजना है। कहा कि पांडुलिपियों के प्रकाशन के लिए शासन से मिलने वाले अनुदान को फिर से शुरू कराने का प्रयास होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय के विकास के लिए सीएसआर फंड जुटाने के लिए उद्योगपतियों व कंपनियों से भी बात की जाएगी। विश्वविद्यालय को शैक्षणिक केंद्र के साथ पर्यटक स्थल के रूप में भी डेवलप करने की योजना है। इस दौरान लखनऊ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। आलोक कुमार राय, प्रभारी रजिस्ट्रार केश लाल, परीक्षा नियंत्रक विशेश्वर प्रसाद सहित अन्य लोग मौजूद रहे। इस दौरान शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्रों ने उनका भव्य स्वागत भी किया।