-मंडलीय हॉस्पिटल में गंभीर मरीजों के लिए व्हील चेयर भी नहीं पर्याप्त

-इमरजेंसी में मरीजों के लिए बनी रहती है स्ट्रेचर की समस्या

VARANASI

कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में आने वाले पेशेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंभीर मरीजों को भी समय पर स्ट्रेचर नहीं मिलता है। सहारा देकर डॉक्टर्स तक पहुंचाने वाला भी कोई कर्मचारी नजर नहीं आता है। रोजाना बड़ी संख्या में मरीजों को बैरंग लौटना भी पड़ता है। समस्याओं को दूर करने के लिए हॉस्पिटल प्रबंधन गंभीर है और न स्वास्थ्य विभाग।

6 स्ट्रेचर से क्या होगा?

हॉस्पिटल में ओपीडी के समय भारी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते है। इस बीच यदि एक साथ कई गंभीर मरीज आ जाए तो उन सभी को फौरन व्हील चेयर या स्ट्रेचर मिलना मुश्किल है। इसकी वजह इसकी कम संख्या होना है। अगर कोई मरीज स्ट्रेचर या व्हील चेयर लेकर ओपीडी या वार्ड तक जाता है तो उसे वापस आने में 40 से 50 मिनट लगता है। इस दौरान दूसरा मरीज स्ट्रेचर के इंतजार में कैंपस में ही पड़ा रहता है।

करना पड़ता है पारी का इंतजार

हॉस्पिटल में पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है। जिसकी वजह से मरीजों के अटेंडेट को खुद ही स्ट्रेचर लाना ले जाना पड़ता है। इमरजेंसी में तैनात कर्मचारी का कहना हैं कि उसके सिवा यहां कोई दूसरा वर्कर नहीं है। ऐसे में अगर वह मरीज को अटेंड करने चला जाएगा तो इमरजेंसी में कौन रहेगा। नियमों के मुताबिक व्हील चेयर व स्ट्रेचर ओपीडी के समय वहां उपलब्ध होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। गंभीर अवस्था में आए मरीजों के अटेंडेट को इसके लिए इमरजेंसी में जाना होता है।

एक नजर

325 बेड का है मंडलीय हॉस्पिटल

2000 मरीज रोजाना ओपीडी में आते है

6 स्ट्रेचर व 2 व्हील चेयर है उपलब्ध

25 व्हील चेयर की है जरूरत

15 स्ट्रेचर की है आवश्यकता

ऐसा नहीं ही कि किसी मरीज को स्ट्रेचर व व्हील चेयर नहीं मिलता। हां संख्या कम होने से कुछ देर जरूर लगती है। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रपोजल तैयार किया जा रहा है।

डॉ। अरविंद सिंह, एमएस, मंडलीय अस्पताल