-सेमिनार में शामिल होने पहुंचीं तीस्ता सीतलवाड़ को कैंपस में घुसने से रोकने पर समर्थक हुए नाराज

-यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन व पुलिस के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

समाजसेवी तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर मंगलवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का कैंपस रणयुद्ध बन गया। छात्रों ने खूब बवाल काटा। एक सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता समर्थकों के संग शामिल होने पहुंचीं तीस्ता को यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कैंपस में घुसने से रोक दिया। इसे लेकर पुलिस व समर्थकों में नोकझोंक होने लगी। इस बीच छात्रों का दूसरा गुट भी पहुंच गया। इससे नाराज समर्थकों ने यूनिवर्सिटी व पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। समर्थक पुलिस के साथ धक्का-मुक्की व हाथापाई पर भी उतर आए। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने लाठी भांज कर समर्थकों को परिसर से बाहर खदेड़ दिया। पुलिस के लाठी भांजते ही अफरातफरी मच गई।

दावा, वक्ताओं की नहीं दी लिस्ट

छात्रसंघ उपाध्यक्ष रोशन कुमार ने मंगलवार को परिसर स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी के समिति कक्ष में 'सोशल मीडिया के दौर में मुख्य पत्रकारिता' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया था। सेमिनार के लिए विद्यापीठ प्रशासन ने छात्रसंघ उपाध्यक्ष को सशर्त अनुमति दी थी। शर्त यह थी कि कार्यक्रम के तीन दिन पहले विश्वविद्यालय को मुख्य वक्ताओं की लिस्ट सौंपनी होगी। अन्यथा संगोष्ठी के लिए स्थान आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। चीफ प्रॉक्टर प्रो। शंभू उपाध्याय का दावा है कि छात्रसंघ के पदाधिकारी आयोजन के एक दिन पहले तक मुख्यवक्ताओं की लिस्ट विवि को नहीं उपलब्ध करा सके। इतना ही नहीं छात्रसंघ के पदाधिकारी 27 फरवरी को आयोजित सेमिनार को रद करने के लिए भी तैयार हो गए। दूसरी ओर छात्रसंघ उपाध्यक्ष रोशन कुमार व महामंत्री अनिल यादव का दावा है कि आवंटन के समय ही मुख्य वक्ताओं की लिस्ट उपलब्ध करा दी गई थी। एक दिन पहले समाजसेवी तीस्ता सीतलवाड़ के पुस्तक विमोचन की सूचना समाचार पत्रों को भी भेज दिया गया था। सेमिनार व पुस्तक विमोचन की तैयारी पूरी कर ली गई थी।

आरोप, भाजपा के दबाव में विवि

बतौर मुख्य वक्ता संगोष्ठी में शामिल होने के लिए समाजसेवी तीस्ता सीतलवाड़ मलदहिया गेट नंबर तीन से करीब एक बजे परिसर पहुंचीं। पुलिस के बल पर परिसर स्थित लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल के पास उन्हें रोक दिया गया। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। कहा कि कुछ भाजपा नेताओं व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के दबाव में विश्वविद्यालय प्रशासन ने अचानक संगोष्ठी पर रोक लगा दी। इतना ही नहीं छात्रसंघ के पदाधिकारियों ने समाजसेवी तीस्ता के समर्थकों के साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया है।

कैंपस में भाजपा झंडे का विरोध

कैंपस में बिजली के खंभे पर भाजपा का झंडा लगा हुआ था। इसे लेकर समाजसेवी तीस्ता ने कड़ी आपत्ति जताई। कहा कि शैक्षिक परिसर के भीतर किसी राजनैतिक पार्टी का झंडा लगाना गलत है। वहीं दूसरे गुट के समर्थकों संग जमकर नोकझोंक भी हो गई। बहरहाल समाजसेवी तीस्ता काफी देर तक गेट नंबर तीन के पास खड़ी रहीं। जहां दूसरा छात्र गुट उनका विरोध करता रहा। अतत: वह वापस चली गई और संगोष्ठी भी रद हो गई।