वाराणसी (ब्यूरो)विकसित देशों की तर्ज पर अब आपके घरों में भी मिनरल वाटर की सप्लाई होगीइसके लिए जलकल विभाग ने 50 लाख रुपये खर्च कर पालीमर डोजिंग प्लांट शुरू किया है, जोकि वरुणा इस पार के लोगों के लिए हैइस टेक्नोलाजी को कनाडा और फ्रांस की मदद से विकसित किया गया है, जिसके लिए दोनों देशों के विशेषज्ञों के बीच कई दौरा और कई दौर का विशेष वार्तालाप हुआ जिसके बाद सफलता हाथ लगी.

छह माह से चल रहा था प्रोजेक्ट

बनारस में इस प्रोजेक्ट की सफलता के लिए लगातार छह माह से कार्य किया जा रहा थाइस बारे में जलकल के सचिव सिद्धार्थ कुमार का कहना है कि इसके लिए उनके यहां की टेक्निकल टीम लगातार छह माह से वहां के विशेषज्ञों के संपर्क में थीअप्रूवल मिलने के बाद मशीनों की परचेजिंग की गईइसके बाद जलकल की ही बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया.

साफ करेगा दूषित जल को

जलकल द्वारा बनारस में पानी की सप्लाई दो इलाकों से की जाती हैजलकल के द्वारा वरुणा पार सप्लाई करने के लिए सारनाथ में पंप को डेवलप किया गया हैसाथ ही गंगा इस पार सप्लाई करने के लिए भदैनी के वाटर प्लांट से गंगा के पानी को शुद्ध करके लोगों के घरों तक भेजा जाता थाअब इस पालीमार डोजिंग प्लांट की मदद से जो भी भदैनी के प्लांट में पानी आयेगा उसे सबसे पहले पाइप लाइन के माध्यम से जलकल में लाया जायेगाइसके बाद उस पानी को इस पानी की मदद से साफ करके ही लोगों के घरों तक सप्लाई किया जायेगा.

टाक्सिस डिपार्टमेंट के अप्रूवल के बाद वर्क

जलकल ने इस प्लांट को सेटअप करने के लिए सबसे पहले भारतीय विष अनुसंधान संस्थान की लखनऊ और पुणे शाखा से टेस्टिंग कराके अप्रवूल लियाइसके बाद अपने परिसर में इसे सेट कियासिद्धार्थ कुमार का कहना है कि इसकी मदद से पानी को बहुत ही ज्यादा प्यूरीफायर करेंगेसाथ ही इसकी मदद से पानी के मिनरल्स को कोई हानि नहीं होगीवे पानी में ही मौजूद रहेंगेइस प्लांट की मदद से पानी के मिट्टïी कण, बालू, आर्गेनिक, बैक्टरिया इत्यादि हानिकारक पदार्थों को बाहर किया जायेगा.

दूषित जलापूर्ति से निजात

दरअसल बनारस में सबसे ज्यादा समस्या लोगों को दूषित पेयजल से हैइसके पीछे मेन कारण है कि बनारस में सीवर लाइन का घना जाल बिछा है जो आये दिन कहीं ना कहीं लीकेज होकर साफ पानी की पाइप लाइन को दूषित कर देता हैइससे निजात दिलाने के लिए इस टेक्नालाजी की मदद ली जा रही हैसाथ ही जलकल के द्वारा भारी मात्रा में गंगा के पानी को साफ करके सप्लाई किया जाता है जोकि बारिश के दिनों में काफी मटमैला होने के साथ दूषित हो जाता हैइससे निजात दिलाने के लिए इस कदम को सार्थक पहल के रूप में देखा जा सकता है.

हाई पावर की टंकी में स्टोर

सबसे पहले जो भी पानी भदैनी के वाटर प्लांट से जलकल अपने यहां मंगवाएगा उसके लिए उसने पांच हजार लीटर की क्षमता के 14 टंकियां लगवाई हैइसके बाद उसे प्यूरीफायर करके उन्हीं टंकी से मोटर की मदद से वापस दुबारा सप्लाई पाइप लाइन को भेजेगा, जिससे साफ पानी दुबारा लोगों के घरों तक जायेगा.

पानी सप्लाई का डाटा

-भदैनी वाटर प्लांट से प्रतिदिन सप्लाई-275 एमएलडी

-सारनाथ प्लांट से प्रतिदिन-60 एमएलडी

-शहर के विभिन्न इलाकों में 150 से ज्यादा जगहों पर नलकूप की सहायता से होती है सप्लाई

क्या होगा बदलाव

-शुद्ध और कलरफुल पानी मिलेगा.

-क्लोरीन के बिना ही पानी करेंगे साफ.

-पानी के विषैले पदार्थ पूरी तरीके से हो जायेंगे दूर.

इस प्लांट की मदद से लोगों को साफ और स्वच्छ पानी सप्लाई करने के लिए काफी मदद मिलेगीइसकी मदद से टेस्टिंग के बाद शहर के वरुणा इस पार इलाके में सप्लाई शुरू कर दी गई है.

रघुवेन्द्र कुमार, महाप्रबंधक, जलकल