वाराणसी (ब्यूरो)कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को लेकर बनारस में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल में अब बड़े पैमाने पर कैंसर रोगियों का इलाज किया जा रहा हैमुंबई में स्थिति टाटा कैंसर हॉस्पिटल के बाद देश में बनारस के इन दोनों कैंसर हॉस्पिटल में इलाज कराने वालों की भीड़ लगातार बढ़ रही हैयहां सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि कैंसर की रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर कैंपेन भी चलाए जा रहे हैंइसी का नजीता है कि साल दर साल कैंसर के पेशेंट डिटेक्ट भी हो रहे हैं्वल्र्ड कैंसर डे पर कैंसर इन दोनों हॉस्पिटल स्थित पॉप्यूलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री रिपोर्ट (पीबीसीआर) की ओर से बनारस में मिल रहे कैंसर पेशेंट की विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई हैजिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैपढि़ए यह रिपोर्ट.

ताकि पता चल सके बीमारी का ट्रेंड

आंकड़ों के अनुसार स्मार्ट सिटी बनारस में पिछले 6 सालों में करीब 16 हजार लोग कैंसर की गिरफ्त में आ चुके हैंबीमारी की चपेट में आने वालों में ज्यादातर पुरुष हैंवहीं अगर पुरुषों में होने वाले कैंसर की बात करें तो सबसे अधिक मामले माउथ कैंसर से जुड़े हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह तंबाकू व पान सुपारी के उत्पादों का सेवन करना हैटाटा स्मारक केंद्र मुंबई द्वारा 2017 में बनारस में पीबीसीआर की शुरुआत की गई थीजिसका उद्देश्य बनारस में होने वाले कैंसर केसेस पर नजर रखना हैपीबीसीआर के हालिया रिपोर्ट के अनुसार 2017 से लेकर अब तक बनारस में कुल 15725 कैंसर पेशेंट रजिस्टर्ड हो चुके हैं, जिनमें 8596 पुरुष कैंसर मरीज हैं, जबकि 7129 महिला कैंसर मरीज हैंबता दें कि रजिस्ट्री हर साल मरीजों का आंकड़ा जुटाती है, ताकि बीमारी का ट्रेंड पता चलता रहे

ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर सबसे ज्यादा

पीबीसीआर की प्रभारी डॉदिव्या खन्ना ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों में होने वाले सबसे अधिक कैंसर के मामले मुंह, जीभ, फेफड़े, प्रोस्टेट, लिवर और गॉल ब्लैडर से जुड़े हैंजबकि महिलाओं में सबसे अधिक मामले ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा के मुख का कैंसर), गॉल ब्लैडर,ओवरी, और माउथ का कैंसर हैइनमें से ज्यादातर कैंसर तंबाकू व शराब के सेवन, खराब जीवन शैली, मोटापा आदि के कारण देखने को मिल रहे हैं, जिसे काफी हद तक रोका जा सकता हैकैंसर समाज के हर तबके के लोगों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन समय पर जांच एवं जागरूकता से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता हैमहिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर पैप स्मियर टेस्ट से शुरुआती स्तर पर पहचाना जा सकता है, बशर्ते समय पर जांच जरूरी है.

अब तक 1.39 लाख की कैंसर स्क्रीनिंग

किसी भी बीमारी के बेहतर प्रबंधन के लिए समय पर जांच काफी अहम है। 2020 से लेकर अब तक अस्पताल द्वारा अलग-अलग कार्यक्रम के तहत बनारस के तकरीबन सभी ब्लाक में विशेष अभियान चलाकर 1.39 लाख लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग की जा चुकी हैइसमें मुख, ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से शामिल हैंमहामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर (स्क्रीनिंग) डॉरूचि पाठक और डॉदिव्या खन्ना ने संयुक्त रुप से बताया कि 1.39 लाख लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग में 6307 लोगों में कैंसर जैसे लक्षण की आशांका होने पर उन्हें आगे की जांच के लिए रेफर किया गया, हालांकि इसमें से केवल 1813 (तकरीबन एक तिहाई) लोग ही जांच के लिए अस्पताल आए, जिनमें से 72 लोगों में कैंसर की पुष्टि होने के बाद उनका इलाज शुरू कर दिया गयाहमने अक्सर देखा है कि लोग जांच के लिए आगे नहीं आते, जिससे समय पर बीमारी का पता नहीं चल पाता और जब बीमारी होती है तो वह अडवांस्ड स्टेज में पहुंच जाती है, जिससे बीमारी का प्रबंधन मुश्किल होता है

कैंसर के प्रति जागरूक करना मकसद

गौरतलब है कि हर साल 4 फरवरी को वल्र्ड कैंसर डे के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना हैविश्व कैंसर दिवस के इस साल की थीम च्च्क्लोज द केयर गैप: एवरीवन डिजर्व एक्सेस टू कैंसर केयर हैच्च्, जिसका सरल शद्बों में अर्थ कैंसर के मरीजों के लिए इलाज की समुचित व्यवस्था का होना है, ताकि हर किसी को बेहतर इलाज मिलना है

फैक्ट फाइल

2600

से ज्यादा कैंसर के

15725

कैंसर पेशेंट रजिस्टर्ड हुए 2017 से अब तक बनारस में

8596

पुरुष कैंसर के पेशेंट है

7129

महिला कैंसर की पेशेंट है

1.39

लाख की कैंसर स्क्रीनिंग हुई 4 साल में

6307

लोगों में मिले कैंसर जैसे लक्षण

1813

तकरीबन एक तिहाई लोग ही जांच के लिए अस्पताल पहुंचे

72

लोगों में कैंसर की पुष्टि होने के बाद उनका इलाज शुरू हुआ

वर्जन

उत्तर प्रदेश एवं पड़ोसी राज्यों के कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के साथ ही अस्पताल द्वारा लगातार लोगों को जांच अभियान से जागरूक भी किया जा रहाटाटा स्मारक केंद्र हर किसी के लिए कैंसर इलाज की सहूलियत के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में नए सेंटर शुरू कर रहा, जिससे मरीजों को उनके घर के पास ही बेहतर सुविधा मिल सकेगी.

डॉसत्यजीत प्रधान, डायरेक्टर, कैंसर हॉस्पिटल