वाराणसी (ब्यूरो)। रविवार को सुबह भी नर्सिंग स्टाफ धरने पर बैठ गए और पूरे दिन वीसी को धरनास्थल पर बुलाते रहे। नर्सिंग स्टाफ और एडमिनिस्ट्रेशन के बीच चल रही खींचतान के बीच पेशेंट और उनके परिवार वाले परेशान होते रहे। हालांकि नर्सिंग स्टाफ का दावा था कि उन्होंने इमरजेंसी सेवाओं को प्रभावित नहीं किया है।
वाराणसी में कोरोना इस समय प्रतिदिन लगभग 400 की स्पीड से बढ़ रहा है। कोरोना मरीजों के बढ़ते रफ्तार ने लोगों को दहशत में ला दिया है। ऐसे में डॉक्टर ही नहीं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की भी लगातार जरूरत पड़ती है, लेकिन बीएचयू में पिछले दो दिन से हालात बिगड़े नजर आ रहे हैं। रविवार को धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ का कहना था कि अक्सर एमएस डॉ। केके गुप्ता उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। अब उनकी ये हरकत बर्दास्त करने लायक नहीं है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन उनसे इस्तीफा ले, तभी वे काम पर लौटेंगे। उनका कहना था कि उन्होंने कई बार वीसी को पूरे मामले के साथ धरना की जानकारी दी है, लेकिन वे ध्यान नहीं दे रहे हैं।

तो ठप होंगी इमरजेंसी सेवाएं
धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ का कहना था कि जब तक वीसी आकर उनसे बात नहीं करेंगे वे काम पर नहीं लौटेंगे और प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अभी तक इस आंदोलन से इमरजेंसी सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया गया है, लेकिन यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो वे इमरजेंसी सेवाओं को भी बंद कर देंगे। नर्सिंग स्टाफ का आरोप था कि उनके साथ डॉक्टर्स और अन्य अधिकारियों की ओर से अक्सर अभद्र व्यवहार किया जाता है और विवाद को दबा दिया जाता है।

थाने में नहीं लिया आवेदन
नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि उनकी ओर से लंका थाने में प्रो। केके गुप्ता के खिलाफ आवेदन दिया गया, लेकिन 24 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी वहां से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बारिश के बाद ठंड बढऩे के बावजूद सभी कर्मचारी धरने पर बैठे रहे। उन्होंने इमरजेंसी के सामने ही रजाई और गद्दे आदि व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि वे शनिवार दोपहर से ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और रातभर खुले आसमान के नीचे बैठे रहे, लेकिन अभी तक कोई भी सक्षम अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचा है।

नहीं प्रभावित की इमरजेंसी सेवाएं
नर्सिंग स्टॉफ ने कहा कि उनकी तरफ से इमरजेंसी सेवा प्रभावित नहीं की गई है। धरना पर वही लोग बैठ रहे हैं, जिनकी ड्यूटी की शिफ्ट नहीं होती है। जिन लोगों की जिस शिफ्ट में ड्यूटी लगती है, वे अपनी ड्यूटी पर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भी पता है कि ये कोविड-19 का समय है और पेशेंट की जान से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। धरनास्थल पर भी इमरजेंसी में आने-जाने वालों के लिए रास्ता छोड़ दिया गया है।

बनाते रहे रणनीति
घटनाक्रम के बाद से ही अस्पताल के सभी नर्सिंग स्टाफ विवि प्रशासन से बात करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कई बार आवेदन के बाद भी विवि प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। वहीं, अधिकारियों की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर वे आगे की रणनीति बनाने में जुटे रहे। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन हमारी बात नहीं सुनता है तो हम बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे, इसकी जानकारी जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा को दे दी गई है।