वाराणसी (ब्यूरो)गाजीपुर के अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और उसके करीबी भीम ङ्क्षसह को अवधेश राय की हत्या के मामले में 1996 में दर्ज गैंगेस्टर एक्ट के मुकदमे में दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाईकोर्ट ने पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 51 तारीखों में 26 साल बाद यह फैसला गुरुवार को आयासुनवाई के लिए मुख्तार की पेशी वीडियो कान्फ्रेंङ्क्षसग से हुईफैसले के बाद भीम ङ्क्षसह को पुलिस सुरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गयामुख्तार इस समय ईडी की हिरासत में हैं.

1996 में लगा गैंगस्टर

पुलिस ने दो मार्च, 1996 को आपराधिक कृत्यों को देखते हुए मुख्तार अंसारी व उसके करीबी भीम ङ्क्षसह को गैंगेस्टर एक्ट में निरुद्ध किया थागैंगेस्टर एक्ट में पांच आपराधिक मुकदमों को शामिल किया गया था, जिसमें तीन अगस्त, 1991 को वाराणसी में अवधेश राय की हत्या समेत पांच मुकदमे थेइनमें से चार मुकदमों में मुख्तार बरी हो गया है, जबकि अवधेश राय की हत्या का केस अभी वाराणसी में चल रहा हैइन्हीं मामलों को लेकर मुख्तार अंसारी और भीम ङ्क्षसह के विरुद्ध थाना कोतवाली में गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया था

14 नवंबर से हो रही थी बहस

मुख्तार अंसारी व भीम ङ्क्षसह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा पहले एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज में काफी दिनों तक चलाइसके बाद प्रयागराज से स्थानांतरित होकर 27 जनवरी, 2022 को गाजीपुर में एमपी-एमएलए कोर्ट में आयाबहस 14 नवंबर से चल रही थीकोर्ट ने ने 25 नवंबर को सजा सुनाने की तारीख तय की थीइस बीच उनका तबादला हो गयाइसके बाद पत्रावली को देखने का अधिकाच् उच्च न्यायालय प्रयागराज ने न्यायाधीश दुर्गेश को सौंपा.

सात दिन चली बहस

उनकी अदालत में सात दिन तक लगातार बहस चली और फैसले की तारीख 15 दिसंबर तय हुईगुरुवार को न्यायालय ने मुख्तार व उसके करीबी भीम ङ्क्षसह निवासी ग्राम रामनथपुर को दस-दस साल की कारावास की सजा सुनाईअभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक नीरज श्रीवास्तव ने पैरवी की.