- चुनावी मौसम में शादी, मुंडन और बर्थडे पार्टी तक के न्यौते में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं नेता

-किसी के घर गमी की खबर लगते ही श्मशान पर व तेरही में भी दिखा रहे हैं मौजूदगी

VARANASI

आमतौर पर किसी आम आदमी के हाथों दिये गये न्यौते पर नेता जी लोग वहां जाने से कतराते हैं लेकिन चुनावी मौसम में हर नेता बस तलाश रहा है तो पार्टी का बहाना क्योंकि शादी, मुंडन और बर्थडे की पार्टियों में पहुंचने पर एक तो बैठे बिठाये प्रचार हो जा रहा है। साथ ही वोटर्स की नजर में भी नेता जी का कद ऊंचा हो जा रहा है। इतना ही नहीं शादियों के साथ किसी मुहल्ले टोले या कॉलोनी में किसी के यहां तेरही होने पर भी नेता जी की उसमें मौजूदगी लोगों को हैरान कर दे रही है।

आयोग का निर्देश ताख पर

चुनावी मौसम में अपना प्रचार प्रसार करने के साथ ही नेता जी लोग हर वोटर से पर्सनली जुड़ने के लिए क्या क्या हथकंडे नहीं अपनाते। पैर छूने से लेकर राह चलते बच्चों को गोद में उठाने से भी ये नहीं चूकते लेकिन इस समय शादी के सीजन को चुनाव प्रचार के लिए नेता व कार्यकर्ता खूब कैश करा रहे हैं। क्योंकि इस वक्त होने वाली शादियों, रिसेप्शन और छोटी मोटी पार्टियों का न्यौता आते ही नेता जी दल बल के साथ पहुंच जा रहे हैं पार्टियों में और हाथ जोड़कर न सिर्फ वोट मांग रहे हैं बल्कि जमकर अपना प्रचार भी कर रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने पहले ही साफ किया था कि शादी ब्याह या पार्टियों में प्रचार पर पूरी नजर प्रशासनिक अमला रखेगा लेकिन प्रशासन की ढिलाई के चलते नेताओं की बल्ले बल्ले है।

परेशान होते हैं पार्टी करने वाले

- चुनावी सीजन में शादी या दूसरी पार्टी करना लोगों को भारी पड़ रहा है

- वजह नेता के संग उनके दर्जनों कार्यकर्ता भी साथ रह रहे हैं

- पार्टियों में एक साथ दर्जनों लोगों के पहुंचने से अरेंजमेंट भी गड़बड़ाता है

- प्लस सड़कों पर गाडि़यों के काफिले के रुकने से जाम भी लगता है

प्रचार चाहे जैसा हो उसका खर्च प्रत्याशी के खर्च में ही जुड़ेगा फिर चाहे वो सड़क, गली या मुहल्ले में हो रहा हो या शादी, पार्टी में। ऐसे लोगों की निगरानी भी प्रशासन कर रहा है।

पुलकित खरे, सीडीओ