वाराणसी (ब्यूरो)बीएचयू में पढऩे वाले मेघावी और जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जा सके, इसके लिए दो साल पहले 150 करोड़ रुपये की राशि जुटाने का लक्ष्य रखा गया थाउस दौरान वीसी सुधीर जैन ने कहा था कि जिस तरह महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने विश्वविद्यालय को दान लेकर बनवाया, उसी परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा हैविवि के पास पुरातन छात्रों की एक लंबी श्रृंखला हैइसके लिए करीब 70 हजार पुरातन छात्रों को विश्वविद्यालय में सहयोग के लिए ईमेल भी किया गया थावीसी की यह पहल अब रंग लाने लगी हैयहां विवि में दान करने वाले पुराछात्रों की संख्या बढ़ रही हैइनके दान से मिलने वाली धनराशि से यहां पढऩे वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही हैबुधवार को विवि में साल 1951 के पुरातन छात्र मदन मोहन कायस्थ व उनकी पत्नि संतोष कायस्थ की ओर से 10 लाख रूपए की धनराशि दान स्वरूप मिली हैइस दान से रसायन शास्त्र में दो नई छात्रवृत्ति की शुरुआत होगी, जिसे अगले सेशन से शुरू किया जाएगा.

झुनझुनवाला से मिला 60 लाख

पिछले साल जून में बीएचयू ने विभिन्न कार्यक्रमों के छात्रों के लिए 12 नई छात्रवृत्तियां शुरू की हैंइन छात्रवृत्तियों को शुरू करने के लिए विवि को अपने पूर्व छात्रों के परिवार से 60 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई थीविवि की प्रतिज्ञा पहल के तहत दान उद्योगपति धीनानाथ झुनझुनवाला की पत्नी किशोरी झुनझुनवाला द्वारा किया गयाइन्होंने प्रत्येक 25,000 रुपये की दस छात्रवृत्तियां शुरू करने के लिए पचास लाख की राशि दान दीइनमें से 8 छात्रवृत्तियां एमएमवी पात्र छात्राओं को योग्यता सह साधन के आधार पर तो दो छात्रवृत्ति संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के लिए हैधीनानाथ झुनझुनवाला विवि के पूर्व छात्र हैं और 1954 में औद्योगिक इंजीनियरिंग स्नातक के रूप में उत्तीर्ण हुए थेवहीं पूर्व छात्र जगदीश झुनझुनवाला ने बीएससी (ऑनर्स) भौतिकी की छात्राओं के लिए दो छात्रवृत्तियां शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये की राशि दान की.

40 स्कॉलरशिप के लिए एक करोड़

24 अक्टूबर 2023 को बीएचयू ने विज्ञान संस्थान में रसायन विज्ञान के यूजी और पीजी छात्रों के लिए 40 स्कॉलरशिप शुरू करने को कालीपटनापु फाउंडेशन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया थाफाउंडेशन व बीएचयू के पूर्व छात्र व शिक्षक स्वकालीपटनापु कोंडैया के सम्मान में इस स्कॉलरशिप के लिए विवि को एक करोड़ का दान देने पर सहमती दीकोंडैया ने बीएचयू से बीएससी और एमएससी की उपाधि प्राप्त करने के बाद विवि के रसायन विज्ञान में संकाय सदस्य (1922-1941), फिर विभाग के प्रमुख बनेस्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए उन्होंने 1941 में विवि छोड़ दिया और 5 साल तक जेल में रहेजेल से रिहा होने पर, उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने के लिए आंध्र प्रदेश में एक रासायनिक कारखाना स्थापित किया

दो विभाग के लिए 30 लाख

वहीं पिछले साल रसायन शास्त्र तथा विधि के दो-दो स्टूडेंट्स के लिए नई स्कॉलरशिप शुरू करने का प्लान तैयार किया गया हैइसके लिए विवि को प्रतिदान योजना के तहत 10 लाख दान में मिले। 22 दिसम्बर 2023 को दोनों विभाग में स्कॉलरशिप देने पर सहमति व्यक्त कर 20 लाख रूपये दान स्वरूप दिया गया थाइस तरह दानदाता द्वारा अब तक कुल 6 स्कॉलरशिप के लिए कुल 30 लाख रूपये दान दिये गये हैंबीएचयू से वर्ष 1951 में इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री में एमटेक की डिग्री लेने वाले मदन मोहन कायस्थ व उनकी पत्नी संतोष कायस्थ ने अपने पैरेंट्स की स्मृति में इन स्कॉलरशिप को शुरू करने को लेकर यह सहयोग दिया

25 हजार रुपए हर साल मेधावी को

अगर कोई व्यक्ति पांच लाख रुपए एकमुश्त अपने किसी परिजन या अन्य के नाम पर देता है तो उसके ब्याज के रूप में 30 से 35 हजार रुपए हर साल मिलेंगेइसी में से 25 हजार रुपए हर साल मेधावी और प्रतिभावान छात्रों को दिया जाएंगेब्याज में से जो 10 हजार बचेंगे उसे मूलधन में जोड़ दिया जाएगा, जिससे कि अगले साल ब्याज भी बढ़े.

बीएचयू के प्रति विश्वविद्यालय के पुराछात्रों का लगाव व प्रतिबद्धता अतुलनीय हैइससे पहले भी कई पुरातन छात्रों के सहयोग से कई सारी छात्रवृत्तियों की शुरुआत की गई हैइससे यहां के स्टूडेंट्स लाभांवित हो रहे हैं.

प्रोसुधीर कुमार जैन, वीसी, बीएचयू