- पर्यटन थाना में भी एप से दर्ज नहीं हुई एक भी शिकायत

पुलिस के यूपी कॉप एप पर जैसे लोगों को एतबार नहीं है, तभी तो जनवरी से अब तक आंकड़ों को देखें तो सात से अधिक थानों में एप से एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। इसकी एक बड़ी वजह लोगों के बीच एप की जानकारी नहीं होना है। लोगों को पुलिस थानों में एप की सुविधा के बारे में बताया नहीं जाता है। जबकि प्रत्येक थाने में प्रतिदिन कई ऐसे मामले ऐसे आते हैं, जो एप के माध्यम से ही दर्ज कराए जा सकते हैं। इससे थानों में भीड़ कम लगेगी और पीडि़त भी थाना का चक्कर लगाने से बचेगा।

पुलिस कमिश्नरेट में कुल 22 थाने हैं। इसमें 4 नए थाने हैं। हर थाने पर यूपी कॉप एप की जानकारी के बड़ी-बड़ी होर्डिग्स लगी हुई हैं। लेकिन एपबारे में पब्लिक को पुलिसकर्मियों व थाने में जागरूक नहीं जाता है। इसका ही परिणाम यह है कि पुराने 18 थानों में 8 ऐसे थाने हैं, जहां यूपी कॉप एप से एक भी अपराध दर्ज नहीं हुआ। इसमें पर्यटन थाना भी शामिल है, जहां देश से लेकर विदेशी पर्यटक आते हैं और उनके सामानों के चोरी और ठग की शिकायतें आम हैं। उनके लिए थाने का चक्कर लगाने के बजाए एप पर शिकायत करना ज्यादा आसान होता है। लेकिन पर्यटन थाने में भी एप से शिकायत का आंकड़ा शून्य है। वहीं यूपी कॉप एप से दर्ज मामलों में लंका थाना सबसे आगे है।

7 महीने में दर्ज हुए 39 मामले

पुलिस कमिश्नरेट से मिले आंकड़ों के अनुसार जनवरी से अब तक पुलिस कॉप एप से महज 39 मामले ही दर्ज किए गए। इसमें सबसे अधिक 9 मामले लंका थाने में दर्ज हुए।

पर्यटन स्थलों पर प्रचार पर जोर

काशी में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। उनके साथ चोरी, ठगी जैसी कई शिकायतें होती हैं, जिसके लिए वे थाना ढूंढते हैं। वहीं थानों के चक्कर काटने की वजह से मामला तक दर्ज नहीं कराते हैं। अगर पर्यटन स्थलों में एप का प्रचार किया जाए, तो पर्यटक आसानी से अपनी बात रख सकेंगे और न्याय की आस बढ़ेगी। यूपी कॉप एप प्ले स्टोर से अपलोड किया जा सकता है।

ये हैं फायदे

- घर बैठे शिकायत कर सकते हैं

- लोग थाने का चक्कर कटाने से बचेंगे

- थानों में भीड़ लगना कम होगी

- पुलिस पर आरोप लगने भी कम होंगे

यहां करें एप का प्रयोग

चोरी, वाहन लूट, नकबजनी, साइबर क्राइम, छिनैती, नाबालिक बच्चों की गुमशुदगी, ईएफआईआर का रजिस्ट्रेशन, एफआईआर का स्टेटस, गुम सामान की एफआईआर, थाना खोजने की सुविधा, चुराए और बरामद वाहनों की जानकारी, करैक्टर सíटफिकेट बनवाने की सुविधा, किराएदार वेरिफिकेशन, किसी के खराब व्यवहार की जानकारी, चार्ज शीट और फाइनल रिपोर्ट लगाने की सूचना सहित 27 तरह की सुविधा एप में दी गई है।

बॉक्स

लंका-09

मंडुवाडीह-08

कैंट-06

सिगरा-03

चेतगंज-3

रामनगर-03

शिवपुर- 01

सारनाथ-01

चौक और लक्सा- 1-1

कोतवाली-00

आदमपुर-00

दशाश्वमेध-00

चितईपुर-00

भेलूपुर-00

जैतपुरा-00

लालपुर-00

पर्यटन थाना-00

(आंकड़े जनवरी से जुलाई मध्य तक के हैं.)

कोट-

पुलिस अब हाइटेक हो गई है। आम जनता को भी इसके लिए जागरुक किया जा रहा है। यूपी कॉप एप के माध्यम से घर से ही कोई भी अपनी शिकायत ऑनलाइन रजिस्टर्ड करा सकता है। उसकी मॉनिटरिंग ऊपर से लेकर स्थानीय पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

ए। सतीश गणेश पुलिस कमिश्नर वाराणसी कमिश्नर रेट