-सूबे के सरकार का है यह फरमान, तीन किमी के परिधि में नहीं बिकेंगे घाटों पर गुटखा-पान

-इंस्पेक्शन के दौरान घाट पर जगह जगह पान-गुटखा की पीक देख नाराज हुए थे सीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के आगमन का असर बनारस के गंगा घाटों पर बहुत ही गहरा पड़ने वाला है। तीन दिन पहले पीएम-राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों की समीक्षा बैठक को आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जब दशाश्वमेध से अस्सी घाट तक का इंस्पेक्शन किया तो उन्हें जगह-जगह पान और गुटखा की पीकनजर आई थी जिस पर वह नाराज भी हुए थे। सूत्रों की मानें तो उन्होंने बैठक के दौरान ही आलाधिकारियों के समक्ष फरमान जारी किया था कि कुछ ऐसा किया जाए कि घाट नशामुक्त रहें। घाटों पर सजने वाली पान-गुटखा, सिगरेट की दुकानें प्रतिबंधित हों। जिसके बाद तय हुआ कि रविदास घाट से लेकर राजघाट तक तीन किमी का परिधि नशामुक्त रहे। इस घेरे में सिगरेट-पान की दुकानें नहीं चलेंगी। साथ ही बाहर से आया कोई व्यक्ति यहां पान-तंबाकू नहीं खा सकेगा और न ही सिगरेट का धुआं-धुआं करेगा। इसके लिए बाकायदा एक टीम गठित कर जांच-पड़ताल की जाए।

स्टूडेंट्स का प्रयास लाया रंग

काशी के घाटों को नशामुक्त बनाने के लिए बीएचयू-काशी विद्यापीठ स्टूडेंट्स की संस्था काशियाना फाउंडेशन की ओर से दो साल से अभियान चलाया जा रहा है। सिग्नेचर कैंपेन, सांस्कृतिक कार्यक्रम कर अवेयरनेस फैलाया गया। सूबे के राज्यमंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी से लगायत केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी स्टूडेंट्स की मुहिम को सराहा था, विश्वास दिलाया था कि योगी सरकार में घाटों को नशामुक्त बनाया जाएगा।

बनी थी टीम, चले गए अधिकारी

कोटपा एक्ट के तहत शहर के धार्मिक स्थलों और स्कूल्स-कॉलेज के सौ मीटर के दायरे में पान-गुटखा की बिक्री पर बैन है। इस नियम को प्रभावी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की विंग एंटी टुबैको सेल की ओर से शहर में छापेमारी भी हुई। मगर, प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने के कारण छापेमारी बहुत कारगर नहीं हो सकी। बाद में जोनवार नोडल अधिकारियों की टीम गठित हुई। इसमें एडीएम सिटी से लगायत कई अधिकारी शामिल रहे। मगर, कुछ ही दिनों में अधिकतर अधिकारियों का तबादला हो गया तबके बाद से सेल अकेला हो गया।

संसदीय कार्यालय में सौंपा ज्ञापन

घाटों को नशामुक्त बनाने के लिए काशियाना फाउंडेशन के सदस्यों ने पीएम के ससंदीय कार्यालय में एक लेटर भी सौंपा था। प्रभारी शिवशरण पाठक ने स्टूडेंट्स को भरोसा दिलाया था कि मुख्यमंत्री खुद घाटों को नशामुक्त देखना चाहते हैं। इस क्रम में तेजी से प्रयास हो रहा है। ज्ञापन देने वालों में फाउंडर मेंबर सुमित सिंह आदि रहे।