-आरटीओ की ओर से आईटीआई करौंदी में बनाए गए लाइसेंस ट्रायल सेंटर में 15 जुलाई से होगा ट्रायल

-एक्सिडेंट पर लगाम लगाने को ट्रायल के बाद ही डीएल जारी करने का दिया गया आदेश

ड्राइविंग लाइसेंस अब बिना ट्रैक पर टेस्ट के नहीं मिलेगा। इसके लिए सभी को ट्रैक पर टेस्ट देना ही होगा। यह 15 जुलाई से अनिवार्य हो जाएगा। करीब दो साल पहले शासन ने रोड एक्सिडेंट पर लगाम लगाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट सेंटर खोलने का डिसीजन लिया था। लेकिन इस सेंटर के जमीन पर उतरने में बहुत लेट हो गया। जिसकी आड़ में बिना ट्रायल के ही लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध हो जा रहा था। बता दें कि प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग स्कूल्स के फर्जीवाड़े और बिना टेस्ट ड्राइविंग के डीएल बनवाने के खेल पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग ने जिले में ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक बनाने का निर्णय लिया था। इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से करौंदी स्थित आईटीआई कैंपस में जमीन भी चिन्हित कर लिया गया। इसे आनन-फानन में आधा अधूरा तैयार भी कर लिया गया। लेकिन कोरोना के चलते इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका था। जैसे ही संक्रमण कम हुआ वैसे ही डिपार्टमेंट ने ट्रैक पर टेस्ट कराना अनिवार्य करने का शासन ने आदेश पारित कर दिया है।

एक्सिडेंट रोकने में मिलेगी मदद

रोड पर बिना ट्रेनिंग वाहन चलाने वालों की वजह से बढ़ते एक्सिडेंट को देखते हुए प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग स्कूल खोले गए थे। इनकी ओर से जारी सíटफिकेट के आधार पर आरटीओ की ओर से कार व हैवी वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का नियम है, लेकिन सíटफिकेट उपलब्ध कराएं जाने के नाम पर इन प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग स्कूल्स में जमकर फर्जीवाड़ा किया जाता है। नियमों की अनदेखी होती है। इसको रोकने के लिए ही मोटर ट्रेनिंग स्कूल खोलने का डिसीजन लिया गया है।

ट्रेनिंग व टेस्ट एक ग्राउंड में

आईटीआई करौंदी में बनकर तैयार गवर्नमेंट मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में 18 साल की उम्र पूरी करने वाले एडमिशन ले सकते हैं। उन्हें ट्रेंड ट्रेनर की ओर से मोटर ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग स्कूल्स में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी और पब्लिक भी इनके शोषण से बच सकेगी। इसके अलावा एक्सिडेंट पर भी लगाम लगेगी। यही नहीं यहां ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए पहुंचने वालों को पहले ट्रायल भी देना होगा। इसके लिए बनकर तैयार ट्रैक पर 15 जुलाई से टेस्ट भी स्टार्ट हो जाएगा।

पांच करोड़ रुपये हुआ है खर्च

मोटर ट्रेनिंग स्कूल में वाहन चलाने के लिए प्रॉपर ट्रेनिंग देने का प्रावधान बनाया गया है। इस बीच उनको ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाएगी और उन्हें वाहन चलाने के लिए पूरी तरह से एक्सपर्ट बनाया जाएगा। ट्रेनिंग के बाद परीक्षा पास करने वाले को स्कूल से सíटफिकेट भी दिया जाएगा। इस सíटफिकेट के माध्यम से लोगों को जॉब भी मिल सकेगी.इस स्कूल को बनाने पर पांच करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनी थी।

400 से 500 तक हादसे

जिले में अनट्रेंड लोगों के वाहन ड्राइव करने के कारण हर महीने 400 से 500 एक्सिडेंट की घटनाएं होती हैं। जिसमें 10 से 20 लोग अपनी जान तक गवां देते हैं। वहीं 200 से 250 लोग गंभीर रूप से घायल होकर हॉस्पिटल में जीवन और मौत से संघर्ष करते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए ही लर्निग स्कूल व ड्राइविंग टेस्ट सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया था। स्कूल तो अभी नहीं खुल रहा है, पर ट्रैक पर टेस्टिंग का कार्य इसी महीने से स्टार्ट हो जाएगा।

::: कोट :::

लर्निग लाइसेंस के लिए ट्रायल सेंटर का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, कुछ सिविल वर्क बचे हुए हैं, जिन्हें एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। 15 जुलाई से आईटीआई करौंदी में बने ट्रैक पर टेस्ट के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। टेस्ट में फेल होने पर लाइसेंस जारी नहीं होगा। वही मोटर ट्रेनिंग स्कूल भी जल्द ही शुरू हो जाएगा। इससे हादसे पर लगाम लगने में मदद मिलेगी।

-सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन