वाराणसी (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में सफर करने वाले लोग अब क्यूआर कोड स्कैन कर यूपीआई के माध्यम से किराया दे सकेंगे। इससे न सिर्फ यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि खुल्ले रुपये न होने की वजह से होने वाली परेशानी भी खत्म होगी। कैंट रोडवेज बस अड्डे पर डिजिटल माध्यम से यात्रियों का टिकट जारी कर इसकी शुरुआत इसी हफ्ते में होगी। रोडवेज बस में सफर करने वाले यात्रियों को डिजिटल माध्यम से किराया देने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा.
डिजिटल टिकट मिलेगा
यात्रा के दौरान बस परिचालक द्वारा ईटीएम मशीन के माध्यम से टिकट बनाया जाएगा। टिकट बनने से पहले किराया के लिए नगद और यूपीआई का विकल्प आएगा। अगर यात्री के पास नगद रुपये होगा तो परिचालक द्वारा नगद का विकल्प चुनकर रुपये लेकर टिकट दिया जाएगा.
चिन्हित होंगे कंडक्टर
अगर यात्री के पास नगद रुपये नहीं है तो परिचालक द्वारा यूपीआई का विकल्प चुना जाएगा, इसके बाद क्यूआर कोड आएगा, जिसको यात्री स्कैन करके किराया दे सकेंगे। क्यूआर कोड के माध्यम से किराया देने के बाद टिकट यात्री को डिजिटल टिकट मिलेगा। क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार मुख्यालय से आदेश के अनुसार क्यूआर कोड के माध्यम से सबसे ज्यादा टिकट बनाने वाले परिचालक का चुनाव किया जाएगा। इस दौरान जोन के जिलों से तीन परिचालक को चुना जाएगा। जिन्हें उपहार दिया जाएगा.
हर टिकट पर एक रुपये
यात्री द्वारा क्यूआर टिकट से किराया लेने के बाद संबंधित परिचालक को उसके ईटीएम के माध्यम से उसके खाते में एक रुपये जुड़ जाएगा। इस तरह अगर परिचालक एक दिन 100 टिकट क्यूआर कोड के माध्यम से बनाता है तो उसको एक दिन का कुल 100 रुपये पेटीएम द्वारा उसी दिन ईटीएम मशीन रोडवेज कार्यालय में जमा करने के दौरान दिया जाएगा। अभी इसके लिए काम किया जा रहा है.
रोडवेज की बसों में अब नगद किराया देने के साथ क्यूआर कोड को स्कैन करके किराया दिया जा सकेगा। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है। एक या दो दिन के अंदर यह सुविधा वाराणसी रिजन में शुरू कर दी जाएगी.
गौरव वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज
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