- नगर आयुक्त ने सड़कों और गलियों को साफ-सुथरी रखने का निर्देश दिया

- औचक निरीक्षण में 14 कर्मचारी मिले अनुपस्थित, एक दिन का वेतन काटने का निर्देश

शहर की सड़कें और गलियां साफ-सुथरी दिखेंगी। रात के अंधेरे में भी हेरिटेज लाइटों की दूधिया रोशनी में शहर चमकता दिखेगा। कहीं भी कूड़ा नहीं दिखेगा। सीवर भी ओवरफ्लो नहीं होगा। यह कहना है नगर आयुक्त प्रणय सिंह का। स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यालय में सोमवार को नगर आयुक्त ने नगर निगम के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की, जिसमें सभी अधिकारियों को अलर्ट किया और कहा कि बनारस देश की सांस्कृतिक राजधानी है तो उसी तरह दिखना भी चाहिए।

शाही नाले का उठा मुद्दा

नगर आयुक्त ने सभी विभागों की ओर से किए जा रहे कार्यों का प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अवलोकन किया। कार्यो की प्रगति, पूर्णता की स्थिति, समस्या आदि के बारे में जानकारी ली। निर्देश दिए कि जनहित व कार्यहित के दृष्टिगत आवश्यक संसाधनों को पूरा किया जाए। साथ ही विभागों को सुझाव भी दिए गए। इस दौरान शाही नाले की सफाई के साथ ही नई पेयजल योजना के जनोपयोगी को लेकर भी पूछताछ की गई। जलकल विभाग ने जल निगम की लापरवाही की ओर इशारा करते हुए नगरीय प्रबंधन में बड़ी बाधा बताया। बैठक में अपर नगर आयुक्त देवी दयाल वर्मा, अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार, संयुक्त नगर आयुक्त जगदीश यादव, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। एनपी सिंह, महाप्रबंधक जलकल रघुवेंद्र कुमार, प्रभारी अधिकारी आलोक अजय राम, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी, कम्प्यूटर को-ऑर्डिनेटर संदीप श्रीवास्तव आदि थे।

निरीक्षण में 14 कर्मी अनुपस्थित मिले

नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने सोमवार सुबह 10 बजे नगर निगम मुख्यालय स्थित सभी विभागों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान परिसर में कई स्थानों पर गंदगी मिली। इस पर उन्होंने संबंधित सफाई निरीक्षक और नाजिर से नाराजगी जताते हुए तत्काल साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान विभिन्न विभागों के 14 कर्मचारी अनुपस्थित मिले। नगर आयुक्त ने सभी का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश लेखाधिकारी को दिया। उन्होंने परिसर के अंदर मास्क पहनना अनिवार्य करते हुए इसके प्रति लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। उन्होंने जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय में खिड़की से ही फार्मों के लेन-देन का क्रम बनाए रखने को कहा।