- डेढ़ साल में महज 35 परसेंट वाहनों में ही लगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट

- 15 सितंबर तक एचएसआरपी से कैसे लैस होंगे सभी वाहन

जिले में पिछले डेढ़ साल में केवल 35 परसेंट वाहनों में ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी हैं। 65 प्रतिशत वाहनों को राज्य सरकार ने 15 सितंबर तक के लिए छूट दी है। इसके बाद वाहनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जाएगी। यानी कि 30 दिन में करीब छह लाख वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगनी है। ये नामुमकिन जैसा है।

सिर्फ 2.80 लाख वाहनों में लगी प्लेट

आरटीओ में आठ लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं। इसमें 2.80 लाख वाहन हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट से लैस हो गए हैं। बाकि 6.20 लाख वाहनों में अभी तक एचएसआरपी (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) नहीं लग पायी है। हालांकि इनमें से कुछ वाहन मालिकों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए अप्लाई किया होगा। ऐसे में इन वाहनों के पास 15 सितंबर तक का मौका है।

30 दिन बाद कटेंगे चालान

सरकार ने सन् 2020 नवंबर में प्रत्येक वाहनों के लिए भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को अनिवार्य कर दिया था। वहीं सन् 2021 जनवरी में आदेश जारी किया गया कि बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के चलने वाले वाहनों के खिलाफ चालान काटे जाएंगे। योजना के लागू होने के लिए 15 अप्रैल निर्धारित की गई। लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण अंतिम तिथि को 15 अप्रैल 2021 से आगे बढ़ा दिया गया। अब इसे 15 सितंबर 2021 कर दिया गया है। यानी कि अब जिन वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होगा उन वाहनों के चालान काट दिए जायेंगे।

अप्रैल 2019 से शुरू हुई थी हाई सिक्योरिटी प्लेट

वाहनों में सरकार ने सन् 2019 से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया था। साल 2020 की शुरुआत में आरटीओ की ओर से अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों की नंबर प्लेट हाई सिक्योरिटी करने की अनुमति दे दी गई। जिसकी जिम्मेदारी वाहन डीलर को दी गई। अब तो सभी रजिस्टर्ड वाहनों में प्लेट लगाना है।

क्रिमिनल एक्टिविटी पर लगेगी रोक

क्रिमिनल एक्टिविटी और वाहनों की चोरी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन का प्लान तैयार किया है। इस नंबर प्लेट को खास तरीके से बनाया गया है। जिसमें वाहनों का पंजीकरण नंबर समेत अन्य आवश्यक विवरण दर्ज होते हैं।

धूल फांक रही एचएसआरपी

जिले में 50 से अधिक वाहन डीलर हैं। जहां एचएसआरपी वाहनों में लगती है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। तो नये वाहनों के लिए डीलर की ओर से अप्लाई किया जाता है। इसके बाद हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट डीलर के पास पहुंचती है। ऐसे हजारों लोग हैं जिन्होंने ऑनलाइन बुकिंग के बाद भी डीलर के यहां नंबर प्लेट लगवाने नहीं पहुंचे हैं। इन प्लेट को वाहनों मालिकों का इंतजार है।

वर्जन---

वाराणसी आरटीओ में आठ लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं, इनमें से अभी आधे से भी कम वाहनों में एचएसआरपी लग पायी है। बाकि बचे वाहनों को 15 सितंबर तक का समय दिया गया है। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी।

सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन

आरटीओ वाराणसी