-बनारस के दो एमपीएमएमसी एवं एचबीसीएच में रजिस्टर्ड हुए कैंसर के 15 हजार नए मरीज

-ओरल, सर्वाइकल और गर्भाशय कैंसर के ज्यादा आ रहे है केस

-विश्व कैंसर दिवस पर महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल ने जारी किया आंकड़ा

1439 नए कैंसर पेशेंट बढ़ गए है पिछले एक साल में जिले में

2020 में जिले के दोनों हॉस्पिटल में 15,518 नए मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ था

2019 में 14,079 कैंसर पेशेंट का रजिस्ट्रेशन किया गया था

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही लोगों में भय पैदा हो जाता है। यह एक ऐसी जानलेवा और गंभीर बीमारी है जिससे सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है। इसके केस लगातार बढ़ रहे हैं। अब ऐसे मामलों में बढ़ोतरी बनारस में भी देखने को मिल रही है। हालांकि शिक्षा के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बना रहे बनारस में भी कैंसर का बेहतर इलाज संभव हो पा है। इससे पहले लोगों को इलाज के लिए मुंबई जाना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

बनारस में बीएचयू स्थित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर (एमपीएमएमसी) और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल (एचबीसीएच) में कैंसर का इलाज शुरू कर दिया गया है। इन दोनों हॉस्पिटल के संचालन शुरू होने से यहां लगातार कैंसर के पेशेंट बढ़ रहे हैं। व‌र्ल्ड कैंसर डे के मौके पर दोनों हॉस्पिटल ने कैंसर रोगियों की विस्तृत रिपोर्ट जारी की है, जिस रिपोर्ट से यह तय हो गया है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी कम होने के बजाए बढ़ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक एक साल में 1439 नए कैंसर पेशेंट बढ़ गए है। यह आंकड़ा उस वक्त बढ़ा है जब कोरोना की वजह से दोनों हॉस्पिटल की ओपीडी तक बंद कर दी गई थी।

इस साल 9 परसेंट बढ़ गए केस

आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में दोनों हॉस्पिटल में 15,518 नए मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया था। जबकि साल 2019 में 14,079 कैंसर पेशेंट का रजिस्ट्रेशन किया गया था। इन दोनों आंकड़ों का अंतर निकाला जाए तो साल 2019 की तुलना में 2020 में मरीजों का आंकड़े में 9 परसेंट की ग्रोथ हो गई है। यह आंकड़ा भले ही चौंकाने वाला हो, मगर चिकित्सकों के मुताबिक यह अभी भी कंट्रोल में है। उनका कहना हैं कि बेहतर जांच की सुविधा उपलब्ध होने के चलते समय रहते कैंसर मरीजों की पहचान हो रही है, जो कि अच्छे संकेत हैं। उनका कहना हैं कि वर्तमान में सबसे ज्यादा ओरल कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और गर्भाशय कैंसर के मामले आ रहे है।

समय रहते हो पहचान तो रोकथाम संभव

एमपीएमएमसी व एचबीसीएच के प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रो। डॉ। नवीन खार्गेकर का कहना है कि बनारस में ज्यादातर मुंह, गर्भाशय ग्रीवा और स्तन कैंसर के मामले देखने को मिलते हैं। समय रहते इन बीमारियों की पहचान होने से इनका रोकथाम संभव है। तंबाकू उत्पादों का सेवन शराब की लत, व्यायाम न करना, बढ़ता मोटापा और जननांगों की साफ-सफाई न रखना इस तरह के कैंसर होने के लिए जिम्मेदार है।

पूरे यूपी के लिए बनारस में सुविधा

पिछले एक साल में पूरे यूपी, बिहार और पड़ोसी राज्यों के कैंसर मरीजों को उनके घर के पास अत्याधुनिक इलाज उपलब्ध कराने के लिए बनारस में महामना पंडित मदन मोहन मालावीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल में कई तरह की नई सुविधाओं की भी शुरुआत हुई है। इनमें टोवास सर्जरी, लेजर सर्जरी, स्कल बेस सर्जरी, ब्रेकी थेरेपी इत्यादि शामिल हैं। सर्जरी विभाग के प्रभारी डॉ। असीम मिश्र ने बताया कि कैंसर मरीजों को अत्याधुनिक इलाज मुहैया कराने के लिए दोनों हॉस्पिटल प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए अस्पताल में टोवास सर्जरी की शुरुआत की है, जिससे मुंह और गले के कैंसर का बगैर दाग के ऑपरेशन हो रहा है।

स्वास्थ्य विभाग भी कर रहा है जागरुक

कैंसर से संबंधित सही जानकारी लोगों तक पहुंचे। इसे लेकर डिस्ट्रिक्ट हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। तेजी से फैल रही इस बीमारी में स्तन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, ब्लड कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और पेट का कैंसर सहित और भी नए तरह के कैंसर आ गए हैं। वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक तीन साल के लिए विश्व कैंसर दिवस की थीम मैं हूं और मैं रहूंगा (आई एम एंड आई विल) रखी गई है। तंबाकू से होने वाले कैंसर और दुष्प्रभाव को कम करने के लिए डीडीयू हॉस्पिटल में मौजूद जिला तंबाकू नियंत्रण इकाई के माध्यम से फ्री कंसल्टेंसी के साथ उपचार दिया जा रहा है।

कैंसर के लक्षण

-स्तन या शरीर के किसी अन्य भाग में कड़ापन या गांठ।

-एक नया तिल या मौजूदा तिल में परिवर्तन।

-कोई खराश जो ठीक नहीं हो पाती।

-स्वर बैठना या खांसी न हटना।

-आंत्र या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन।

-खाने के बाद असुविधा महसूस करना।

-निगलने के समय कठिनाई होना।

-वजन में बिना किसी कारण के वृद्धि या कमी।

- असामान्य रक्तस्त्राव या डिस्चार्ज।

-कमजोरी लगना या बहुत थकावट महसूस करना।

कैंसर की रोकथाम-

-कैंसर होने के खतरे को कम करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं

-तंबाकू उत्पादों का प्रयोग न करें।

-कम वसा वाला भोजन करें तथा सब्जी, फलों और समूचे अनाजों का उपयोग अधिक करें।

-नियमित व्यायाम करें।

होमी भाभा कैंसर अस्पताल में फिलहाल बाल कैंसर मरीजों और ब्लड के कैंसर मरीजों का इलाज किया जा रहा है, इसलिए हमारा जोर इनमें होने वाले कैंसर की जल्द पहचान करने पर केंद्रित है। साथ ही विश्व कैंसर दिवस के मौके पर अस्पताल की ओर से उन्होंने लोगों से प्लेटलेट डोनेशन के लिए आगे आने की भी अपील की।

डॉ। बीके मिश्रा, उपनिदेशक, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल

गैर संचारी रोग एवं कैंसर स्क्रीनिंग के लिए विशेष अभियान सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से चलाया जा रहा है जिसमें विशेषकर 30 वर्ष से ऊपर की सभी महिलाओं की स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुख का कैंसर, मधुमेह, हाईपर्टेंशन आदि की फ्री जांच के साथ उनकी पहचान कर उच्चीकृत इकाइयों में संदíभत किया जा रहा है।

डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ