वाराणसी (ब्यूरो)। गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल भवन संकुल की सुविधा और व्यवस्था से लोक-शास्त्रीय संगीत, विचार गोष्ठी, फूड, हैंडीक्रॉफ्ट वस्तुओं में दिलचस्पी रखने वाले नागरिकों को सहूलियत होगी। सेकेंड फेज में बनारसी कला केंद्र, कार्यशाला, शिक्षण-प्रशिक्षण, स्टडी सेंटर, कल्चरल सेंटर, स्टूडियो, आर्ट गैलरी, म्यूजियम, क्लास रूम, आडिटोरियम व संग्रहालय आदि की योजना है।

संगीत विभूति को डेडिकेटेड संकुल
चौकाघाट स्थित पद्मविभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल भवन व परिसर का विस्तार करीब नौ एकड़ क्षेत्रफल में बना हुआ है। यहां बने भवन को विभिन्न आयोजनों के लिए मल्टीपरपज इस्तेमाल के हिसाब से बनाया गया है। यह शहर का एकलौता ऐसा सांस्कृतिक भवन है, जो किसी संगीत विभूति को डेडिकेटेड है। संकुल परियोजना को दो चरणों में बांटा गया था। प्रथम चरण में 6.94 करोड़ रुपए से हॉल के हाईनेस और रिडेवलपमेंट का कार्य पूरा हुआ है। सेकेंड फेज में दिल्ली हाट की तर्ज पर 13.53 करोड़ रुपए से काशी हाट को डेवलप किया जाएगा। शहरवासियों को अब सांस्कृतिक समारोहों व अन्य कार्यक्रमों के लिए रुद्राक्ष कन्वेंशन पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। साथ ही अब एक साथ दो बड़े कार्यक्रमों का आयोजन भी संभव होगा।


ये फैसिलिटी है अवेलेबल
-450 से 500 लोगों की क्षमता
- संकुल के हॉल अत्याधुनिक साउंड इक्विपमेंट
-स्टेज लाइटिंग, ग्रीन हाउस व एलईडी स्क्रीन
-हॉल में 55 इंच की 3 बड़ी एलईडी
- 1909 स्क्वायर फिट का बड़ा स्टेज, वुडेन फ्लोरिंग
-283 इंच का भव्य स्क्रीन प्रोजेक्टर
-3 साउंड बॉक्स व 2 बुफर
-दिव्यांगजनों के लिए विशेष व्यवस्था
-आधुनिक फायर फाइटिंग और फायर अलार्म


इंट्री और एसी करेंगे इम्प्रेस
पद्मविभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल हाल में लोगों की सुविधा के लिए 24 एसी (एयर कंडीशनर) लगाए गए हैं। भवन में जाने के 2 ऑटोमैटिक एंट्री गेट से गुजरते ही सुखद एहसास होगा। साथ ही निकासी के लिए 4 गेट हैं। हॉल में 1 वीआईपी रूम, 2 ग्रीन रूम व 5 शौचालय दिए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो भवन में सीसीटीवी नहीं लगे हैं। हाल में 718 स्क्वायर मीटर में रेड ओरियन ब्लैक कारपेट बिछा है।