- कोरोना कॉल के दौरान लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन अप्लाई करने से वाराणसी पासपोर्ट कार्यालय में बढ़ी वेटिंग

- अब 14 दिन की मिल रही वेटिंग, पहले एक हफ्ते में मिल रहा था अप्वाइंटमेंट

- डेली 500 से 600 का होता है वेरीफिकेशन

- सितंबर में 85 परसेंट हुआ कोटा

कोरोना महामारी कीसेकेंड वेब के बाद पासपोर्ट कार्यालय ने आवेदकों को बड़ी राहत दी है। कोरोना के नियमों का पालन कराने में आ रही कठिनाई के चलते पासपोर्ट अप्वाइंटमेंट की संख्या पर अगस्त में ब्रेक लगा दिया गया था। लेकिन अब अप्वाइंटमेंट की संख्या 85 परसेंट कर दी गई है। बावजूद इसके वेटिंग घटने की बजाए बढ़ गयी है। पहले जहां वेटिंग सात दिन की थी तो अब 14 दिन तक पहुंच गई है। स्थिति की समीक्षा और विदेश मंत्रालय के निर्देशों के बाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय लखनऊ ने जुलाई में अप्वाइंटमेंट की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया था। संख्या में इजाफा होने से कार्यालय में कोरोना का खतरा मंडराने लगा था। इसको देखते हुए रीजनल पासपोर्ट ऑफिस की ओर से अप्वाइंटमेंट की संख्या कम करने की सिफारिश की, ताकि कार्यालय में भीड़ कम रहे। इससे अप्वाइंटमेंट वेटिंग दस दिन तक पहुंच गई थी। अब विभाग ने सितंबर महीने के लिए अप्वाइंटमेंट 75 परसेंट से 85 परसेंट तक बढ़ा दिया है। इसके बढ़ते ही बैकलॉग के लोगों को भी मौका मिल गया है।

14 दिन हो गई वेटिंग

जून में कोरोना कफ्र्यू हटने के बाद वाराणसी पासपोर्ट सेवा केंद्र पर 500 से 600 अप्वाइंटमेंट दिए जा रहे थे। लेकिन पासपोर्ट आवेदकों की भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन कराने में आ रही परेशानी को देखते हुए जुलाई में इनकी संख्या घटाकर आधी कर दी गई। ऐसे में पासपोर्ट आवेदकों की संख्या में इजाफा होने और जुलाई तक के सभी स्लॉट बुक हो गए। इसके बाद अगस्त में फिर से पूरे अप्वाइंटमेंट खोले गए लेकिन भीड़ के डर से फिर इनकी संख्या आधी कर दी गयी। अब एक बार फिर अप्वाइंटमेंट को 85 परसेंट कर दिया गया है। इसके बाद भी डेली 500 से 600 लोगों को वेरीफिकेशन के लिए बुलाया जा रहा है। लेकिन वेटिंग 14 दिन हो गयी है।

इसलिए हो गया बैकलॉग

पासपोर्ट पाने के लिए सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसके लिए अप्लाई करने वालों को ही वेरीफिकेशन के लिए पासपोर्ट कार्यालय पर बुलाने के लिए स्लॉट दिया जाता है। लॉकडाउन के दौरान भी बड़ी संख्या ऑनलाइन अप्लाई हुए। जबकि उस समय ऑफिस बंद होने से वेरीफिकेशन कार्य बंद था। ऐसे में बड़ी संख्या में अप्लीकेशन का बैकलॉग हो गया और वेटिंग बढ़ गई।

पैरेंट्स को भी चाहिए पासपोर्ट

पहले जहां पासपोर्ट बनवाने के लिए यंगस्टर्स की संख्या ही ज्यादा होती थी। वहीं अब पैरेंट्स की भी संख्या बहुत है। इसके पीछे बच्चों का एडमिशन पहले की अपेक्षा विदेशों में ज्यादा होना है। इस वजह से पैरेंट्स भी बच्चों के साथ ही अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए अप्लाई कर रहे हैं।

वर्जन----

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कार्यालय लगातार व्यवस्था बनाने में लगा है। ज्यादा भीड़ होने से कार्यालय में दिक्कत होती है। ऐसे में अप्वाइंटमेंट की संख्या धीरे धीरे बढ़ाया जा रहा है। बावजूद इसके बैकलॉग अधिक होने के कारण वेटिंग बढ़ गयी है।

पीयूष वर्मा, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी

लखनऊ