वाराणसी (ब्यूरो)बनारस के कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में इन दिनों टायफायड, मलेरिया व वायरल बुखार के मरीजों की बाढ़ आ गई हैरोजाना 1600 से अधिक मरीज इलाज को पहुंच रहे हैैंइसमें से 45 फीसदी मरीज कई प्रकार के बुखार से पीडि़त हैंचिकित्सा इन पेशेंटों के उचित उपचार के ब्लड टेस्ट को प्रिसक्राइब कर रहे हैैंरोजाना 2.5 हजार जांच करने की क्षमता वाली मशीनों को 6.5 हजार से अधिक जांच करनी पड़ रही हैमसलन, पैथलैब पर पेशेंटों का जबरदस्त दबाव हैक्षमता से अधिक जांच करने की वजह से मशीनें बार-बार खराब हो जा रही हैैंआनन-फानन में मरम्मत कर दोबारा से काम लिया जा रहा हैवहीं, थायराइड और एचबीवनसी की जांच मशीन खराब होने की वजह महीनों से बंद हैंइससे गंभीर रोगों से पीडि़त नागरिकों को परेशान होना पड़ रहा है और अधिक रुपए देकर प्राइवेट पैथ लैब में जांच करानी पड़ रही हैइससे निजी पैथ संचालकों के पौ बारह हो गए हैं.

सितंबर में बढ़ जाता है लोड

अमूमन सितंबर के महीने में प्रति वर्ष विभिन्न अस्पतालों के पैथ लैब पर दबाव बढ़ जाता हैमंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में गंगा की बाढ़ उतरने के बाद से संक्रामक बीमारी के मामलों में भयंकर इजाफा हुआ हैजनपद में ग्रामीण व गंगा तटवर्ती शहरी इलाके में दो बार बाढ़ के चढऩे-उतरने से वायरल बुखार के केसेज तेजी से बढ़े हैैंनागरिकों के बुखार की चपेट में आने का सिलसिला अक्टूबर के बाद ही थमने के आसार हैं

आना पड़ता है दो बार

मंडलीय अस्पताल के पैथ लैब में भीड़ होने की वजह से पहले दिन पर्ची जमा करने के बाद ब्लड सैैंपल देने के लिए निर्धारित समय पूरा होने व सैैंपल देने के बाद रिपोर्ट लेने के लिए अगले दिन आना पड़ता हैइस वजह से जरूरी दवा का सेवन कर फाइनल रिपोर्ट के लिए पशेंटों को अपनी तकलीफ के साथ एक-दो दिन बिताने पड़ते हैैंवहीं, किसी की तकलीफ अधिक होने की वजह से निजी पैथ लैब का रूख करना पड़ता है.

इन बातों का रखें ध्यान

-बाहर जाते समय धूल, मिट्टी से खुद का बचाव करें

-हाइजीन का ध्यान रखें और बाहर खाने से बचें

-अगर हल्का बुखार भी है तो डॉक्टरों से सलाह लें

-नियमित अंतराल पर हाथ साफ करते रहें

-अगर किसी व्यक्ति को खांसी, जुकाम है तो उसके संपर्क में आने से बचें

-फल और सब्जियों का ज्यादा सेवन करें

-विटामिन डी लें

-मौसम के अनुसार खानपान भी बदल लें

हाल के दिनों में मंडलीय अस्पताल में वायरल बुखार के केसेज अधिक होने से पैथलैब पर दबाव बढ़ा हैफिर भी लगातार जांच की जी रही हैसभी मरीजों के इलाज का उचित प्रबंध किया गया है.

डॉहरिचरण सिंह, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल