-एक हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित अब भी हैं लापता

-जांच के दौरान दर्ज करा दिया गलत मोबाइल नंबर और पता

-पॉजिटिव आने के बाद मरीजों को ढूढ़ने में स्वास्थ विभाग के छूटे पसीने

::: प्वाइंटर :::

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साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बड़ी संख्या में महिला और पुरुष भी हैं लापता

09

दिनों में स्वास्थ्य विभाग ने करीब चार हजार मरीजों में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है

केस-1

एक सप्ताह पहले शहर के अलग-अलग सेंटर्स पर कई लोग कोरोना आरटीपीसीआर जांच कराने के लिए पह़ुंचे थे। दो दिन बाद कई लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद जब उनसे संपर्क किया गया तो उनके घर का पता गलत निकल आया।

केस-2

गोदौलिया क्षेत्र के एक व्यक्ति ने पांच दिन पहले कोरोना का टेस्ट करवाया था। 48 घंटे बाद जब उसकी रिपोर्ट आई तो उसमें वह पॉजिटिव पाया गया। जांच के दौरान दिए गए पते पर स्वास्थ कर्मी पहुंचे तो वह पता गलत निकला।

केस-3

दो अप्रैल को अलग अलग सेंटर्स पर कई लोगों ने कोरोना की जांच कराई थी। जांच के दौरान सभी लोगों से उनके मोबाइल नंबर भी लिए गए। उन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जब उनके दिए गए मोबाइल नंबर से संपर्क किया तो नंबर गलत पाए गए।

केस-4

पांच अप्रैल को भी भारी संख्या में लोगों ने अलग-अलग सेंटर्स पर आरटीपीसीआर टेस्ट कराया। दो दिन बाद जब रिपोर्ट आई तो उसमें 100 से ज्यादा लोगों के मोबाइल नंबर गलत पाए गए। ये लोग कहां चले गए विभाग को नहीं पता।

एक तरफ जहां देशभर में कोरोना मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। वहीं बनारस में कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी को लेकर लोग खुद लापरवाही बरतते नजर आ रहे हैं। हालांकि लोग इतने अलर्ट हो चुके हैं कि कोरोना की जांच तो बड़ी उत्सुकता के साथ करा रहे है लेकिन इसके साथ वे गलत मोबाइल नंबर और गलत पता देते हुए लापरवाही भी बरत रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के लिए ऐसे मरीज परेशानी का सबब बन रहे हैं, जो जांच के बाद पॉजिटिव होने पर लापता हो जा रहे हैं। ऐसे मरीजों के बारे विभाग को कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। ऐसे एक दो नहीं एक हजार से ज्यादा मरीज पाए गए है। जिनका न पता सही है और न ही मोबाइल नंबर।

दर्ज कराया गया है गलत पता

अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मरीजों को ढूढ़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। जांच के दौरान तमाम ऐसे लोग सामने आए हैं जिन्होंने किसी दूसरे का पता और दूसरों का मोबाइल नंबर दर्ज करा दिया है। ऐसे मरीजों द्वारा दिए गए नंबर पर जब संपर्क किया जा रहा है तो बात नहीं हो पा रही है। जहां बात हो भी रही है तो वह रांग नंबर निकल रहा है। ऐसी ही स्थिति उनके द्वारा दिए गए पते की भी है। संबंधित व्यक्ति उस पते पर मिल ही नहीं रहा है।

लापता में बच्चों समेत महिलाएं भी

पिछले 09 दिनों में स्वास्थ्य विभाग ने करीब चार हजार मरीजों में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है। इसमें से एक हजार से ज्यादा लोगों की विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। इसकी वजह गलत मोबाइल नंबर और पता दर्ज करवाया गया है। हैरानी की बात ये है कि लापता हो चुके मरीजों में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बड़ी संख्या में महिला और पुरुष भी हैं। अधिकारियों की मानें तो इन लोगों में संक्रमण बढ़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

::: कोट :::

कोरोना जांच के दौरान लोगों से सही मोबाइल नंबर के साथ सही पता देने की गुजारिश कई बार की जा चुकी है। बावजूद इसके लोग गलत या दूसरों का नंबर दे रहे हैं। जल्द ही नई व्यवस्था बनाई जाएगी। क्योंकि ऐसा होना डिपार्टमेंट के लिए चुनौती बढ़ती जा रही है।

डॉ। एसएस कनौजिया, एसीएमओ

लापता लोगों का आंकड़ा

डेट लापता संक्रमित

01 अप्रैल 50

02 अप्रैल 53

03 अप्रैल 45

04 अप्रैल 115

05 अप्रैल 115

06 अप्रैल 170

07 अप्रैल 203

08 अप्रैल 251