वाराणसी (ब्यूरो)जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की आठ जुलाई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थीवे जापान के नारा सिटी में एक चुनाव प्रचार अभियान में थेयह खबर जैसे ही न्यूज चैनल पर फ्लैश हुआ तो काशी में भी मातम छा गयाजैसे लगा कि भारत के किसी बड़ी शख्सियत की मौत हो गईकाशी से जापान कई हजार मील दूर है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए यह दूरी भी कम हो गईसोशल मीडिया में छाया ज्ञानवापी प्रकरण में अचानक ब्रेक लग गया और शिंजो आबे को श्रद्धांजलि देने की होड़ शुरू हो गईकोई पीएम मोदी के साथ शिंजो आबे की गंगा आरती वाली तस्वीर तो कोई रूद्राक्ष में शिलान्यास की तस्वीर शेयर कर शिंजो आबे को श्रद्धांजलि दी.

12 दिसंबर को दिखे बनारसिया रूप में

पीएम मोदी और जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की दोस्ती जगजाहिर हैपीएम रहते हुए शिंजो आबे भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस पहुंचे थेउन्हें 12 दिसंबर 2015 को वाराणसी दर्शन को लेकर आएदोनों प्रधानमंत्रियों ने दशाश्वमेध घाट पर गंगाजल हाथ में लेकर विश्व की मंगलकामना का संकल्प लिया थाशिंजो आबे बनारसी रूप में दिखे थे.

शिंजो आबे की ओर से बनारस को उपहार स्वरूप दिया गया रुद्राक्ष सेंटर हमेशा उनकी याद दिलाएगाऐसी शख्यित का जाना जापान के साथ बनारस की भारी क्षति है.

संदीप मेहरा

गंगा आरती के दौरान पीएम मोदी के साथ शिंजो आबे की तस्वीर का साक्षी मैं भी थाऐसे नेता का जाना बहुत दुखद हैदिल से उन्हें मेरी श्रद्धांजलि.

मनोज यादव

पीएम मोदी के साथ यहां पहुंचे शिंजो आबे भी बनारसी रंग में रंग गए थेयह अदा देखकर मैं उनका कायल हो गया थाउनकी मौत की खबर सुनकर मैं स्तब्ध रहा गया.

रत्नेश शाह

शिंजो आबे ने करीब दो सौ करोड़ रुपये का गिफ्ट बनारस को दिया है, जो पूर्व में नहीं हुआ था, न ही भविष्य में होगाऐसे नेता को मेरा कोटि-कोटि नमन.

अरविंद पटेल

भारतीय संस्कृति के हो गए थे मुरीद

बनारस दौरे के दौरान शिंजो आबे ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता के कई रूपों के संगम देखा थाइस दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति के प्रति स्नेह दिखाया थादोनों प्रधानमंत्रियों ने मढ़ी में बैठकर एक घंटे से अधिक गंगा आरती देखी थीतत्कालीन जापानी पीएम शिंजों की यह यात्रा भारत की विदेश नीति का अहम हिस्सा थी, जिसने दुनिया की महाशक्तियों को अपना अहसास दिलाया थाआज उनके न होने पर देश ने श्रद्धांजलि दी.