- लालपुर मस्जिद के पास ट्रांसपोर्टर हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा

गोली मार कर चाचा को मौत की नींद सुलाने वाला गिरफ्तार

- पांच साल से हर दिन हत्या की साजिश रच रहा था जुगनू

- बाप की हत्या का बदला लेने के लिए पांच साल पहले खरीदा था असला

कैंट थाना क्षेत्र के लालपुर मस्जिद के पास बीते 21 नवंबर को ट्रांसपोर्टर शाहिद इकबाल खां उर्फ मुन्ना की हत्या के मामले में गुरुवार को पुलिस ने उसके भतीजे जुगनू को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपित ने दिलदहला देने वाला खुलासा किया। उसने 28 साल पहले अपने पिता की हत्या के बाद से ही गुस्सा पाल रखा था। पिछले पांच साल से हर दिन पिता की हत्या करने वाले चाचा को मारकर मौत का बदला लेने की साजिश रच रहा था। इसके लिए उसने एक तमंचा भी खरीद रखा था। 21 नवंबर को मौका मिलते ही उसने अपने पिता की मौत का बदला ले लिया।

हत्या के बाद नेपाल चला गया

सीओ कैंट एवं एएसपी अभिमन्यु मांगलिक के अनुसार 21 नवंबर को ट्रांसपोर्टर शाहिद इकबाल की हत्या करने के बाद ही भतीजा फरीद खां उर्फ जुगनू पुलिस से बचने के लिए नेपाल भाग गया था। पैसा खत्म होने पर वह वापस बनारस आया था। इसकी जानकारी होने पर पुलिस टीम ने गुरुवार को मकबूल आलम रोड से फरीद को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने अभियुक्त की निशानदेही पर हत्या में प्रयोग किये गये .315 बोर का तमंचा, एक कारतूस और खोखा बरामद किया है।

5 साल पहले बनाई थी योजना

पुलिस की पूछताछ में जुगनू ने बताया कि अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उसने यह कदम उठाया था। साल 1992 में उसके पिता मजीद खां की चाचा शाहिद इकबाल खां उर्फ मुन्ना ने हत्या कर दी थी। मुन्ना खां उसके पिता की हत्या के मामले में जेल भी गया था, लेकिन जुगनू के दिल की आग ठंडी नहीं हुई थी। हर दिन चाचा मुन्ना की हत्या की योजना बनाता थी। इसके लिए उसने पांच साल पहले असलहा खरीदा था।

गोइठहां में फेंक दिया था तमंचा

पुलिस के अनुसार चाचा की हत्या करने के बाद जुगनू गोइठहां पहुंचकर एक चाय की दुकान पर चाय पिया। इसके बाद पास में मौजूद झाडि़यों में तमंचा फेंक दिया। फिर नेपाल चला गया। पैसा खत्म होने पर वापस आया था।