वाराणसी (ब्यूरो)एएसआई सर्वे रिपोर्ट सामने आने के बाद ज्ञानवापी का मामला तूल पकड़ता जा रहा हैसोमवार दोपहर ज्ञानवापी परिक्रमा के लिए श्रीविद्या मठ से निकले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने गेट पर ही रोक दियाइस दौरान मठ से जुड़े लोगों और पुलिस अधिकारियों के बीच जमकर नोकझोंक हुईस्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के तमाम दलील और तर्क देने के बावजूद पुलिस ने जाने नहीं दियापुलिस का कहना है कि मामला कोर्ट में होने और परमिशन न होने की वजह से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को रोका गया थाकाफी देर तक हो-हल्ला के बाद स्वमी मठ के अंदर चले गएबावजूद इसके सुरक्षा के मद्देनजर मठ के चारों तरफ पुलिस मुस्तैद दिखी.

तो मुझे क्यों रोका

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से बातचीत में पुलिस ने धारा 144 का हवाला दिया और कहा कि परिक्रमा के लिए जाने की अनुमति नहीं हैइस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पुलिस से पूछा कि जब नमाज पर रोक नहीं है तो मुझे क्यों रोका जा रहा है? इस पर पुलिस ने जवाब दिया कि किसी नई परंपरा की इजाजत नहीं दी जा सकतीशंकराचार्य ने कहा कि यह कोई नई परंपरा नहीं हैपरिक्रमा करने की हमारी परंपरा बहुत पुरानी हैइस पर पुलिस ने कहा कि आपको जो कहना है कोर्ट में कहिएगाधारा 144 के कारण हम कोई अनुमति नहीं दे सकते हैंनाराज शंकराचार्य ने कहा कि हमारे वकील की तरफ से अनुमति ले ली गई है.

पूर्वज करते थे परिक्रमा

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से परिक्रमा के लिए जाने का मुहूर्त 3.17 बजे तय किया गया थापरिक्रमा को लेकर उन्होंने कहा था कि हम जरूर जाएंगेउन्होंने कहा कि एक पक्ष कह रहा शिवलिंग हैदूसरा पक्ष कह रहा नहीं हैलेकिन न्यायालय को अंतरिम व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे दोनों पक्ष जब तक केस चल रहा है, तब तक पूजा पाठ कर सकेंउन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज पहले भी उसकी परिक्रमा करते थेलेकिन हमको रोका जा रहा हैहमारे परिक्रमा से कोई अव्यवस्था नहीं होगीहम प्रशासन का पूरा सहयोग करके अपने देवता की बाहर से ही परिक्रमा करेंगे.

गेट पर पुलिस मुस्तैद

रविवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ज्ञानवापी की परिक्रमा करने का ऐलान किया थापरिक्रमा की जानकारी मिलने पर वाराणसी पुलिस सुबह से ही अलर्ट मोड़ पर थीस्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को दोपहर 3 बजे मूल विश्वनाथ की परिक्रमा के लिए केदार घाट स्थित श्रीविद्यामठ से निकलना थासोनारपुरा, मदनपुरा, गोदौलिया होते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर 4 से परिक्रमा प्रारंभ करने की बात कही गई थी.

सिर्फ दर्शन की इजाजत

प्रशासन की ओर से कहा गया था कि स्वामी को सिर्फ काशी विश्वनाथ के ही दर्शन पूजन की इजाजत हैप्रशासन की तरफ से पहले ही स्वामी को रोकने की बात बताई गई थीदशाश्वमेध एसीपी अवधेश पांडेय ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से बातचीत की गईउनसे अनुरोध किया गया कि अभी न्यायालय का आदेश नहीं हैसंवेदनशीलता बनी हुई है और धारा 144 भी लागू हैऐसे में भगवान विश्वनाथ का दर्शन पूजन ही करेंपरिक्रमा का फैसला टाल दें.

भोग लगाने की अनुमित

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अगर कानूनी रूप से उस घेरे के बाहर से घूमने पर कोई रोक नहीं है तो फिर हम क्यों नहीं जा सकतेहम 2 लोग जाने के लिए तैयार हैप्रशासन उसके लिए भी तैयारी करेउन्होंने कहा कि वहां रोज नवाज पढ़ते हैं तो 144 नहीं लागू है मेरे जाने पर धारा 144 का हवाला दिया जा रहा हैउन्होंने कहा कि प्रशासन हमको घेरे के बाहर से परिक्रमा करने के लिए क्यों रोक रहा हैराग-भोग के लिए कोर्ट हमारे याचिका को डेढ़ साल से खाली तारीख दे रहा हैअविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अगर न्यायालय इतने दिनों तक टाल रहा है तो वह निरस्त कर दे हम ऊपर के न्यायालय में अपील करेंगेराग-भोग के मामले को इतने दिन तक कैसे रोका जा सकता हैभगवान को तीन समय भोग जरूर लगना चाहिएउन्होंने कहा कि राग भोग के लिए न्यायालय दूर से ही कम से कम दूर से ही भोग लगाने की अनुमति दे.