वाराणसी (ब्यूरो)महिलाओं के साथ हिंसा की घटनाओं में लखनऊ पहले पायदान पर है, जबकि वाराणसी 8वें नंबर हैइसके बावजूद हिंसा रोकने के लिए जनपद में बाल संरक्षण समिति की तर्ज पर प्रत्येक वार्ड और गांव में महिला संरक्षण समितियों का गठन किया जाएगासमिति के सदस्य महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा पर नजर रखेंगे, जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगीउधर, मिशन शक्ति अभियान के तहत कमिश्नरेट की महिला पुलिस भी सक्रिय हैमहिला हिंसा के अभियुक्तों पर लगातार कार्रवाई में जुटी हैजिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में बच्चों के अधिकारों का हनन रोकने के लिए बाल संरक्षण समितियों का गठन किया गया है, लेकिन अब महिलाओं के अधिकारों के साथ-साथ उन्हें अपराध से बचाने के लिए महिला कल्याण विभाग ने योजना तैयार कर ली है

महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी ने बताया कि महिलाएं आए दिन घरेलू और बाहरी हिंसा की शिकार होती रहती हैंइनमें से कई महिलाएं घर की इज्जत की वजह से अपने साथ हुए अपराध की शिकायत नहीं कर पातीं, जिससे उनके साथ बड़ी घटना घटित होने की संभावना बनी रहती हैसाथ ही महिलाओं में अपनी सुरक्षा को लेकर डर बना रहता हैइसकी को ध्यान में रखते हुए गांव और शहर में महिला संरक्षण समिति का गठन किया जाएगासमिति के सदस्य अपने क्षेत्र में गठित होने वाली घटनाओं की जानकारी महिला कल्याण विभाग को देंगेइसके आधार पर विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर जाकर कार्रवाई करेगी.

थानों के नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर

समिति बनने से हिंसा से पीडि़त महिलाओं को चौकी और थानों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगेपीडि़त महिला खुद जाकर समिति के सदस्यों के सामने अपनी समस्या रख सकती हैंसमिति महिलाओं से जुड़ी सभी प्रकार की समस्या सुनेगीसाथ ही कार्रवाई करने के लिए इसकी सूचना विभाग को देगीजब वहां से समस्या का समाधान नहीं होगा तब ही पुलिस से शिकायत की जाएगी.

समिति में प्रधान, पार्षद और समाजसेवी होंगे शामिल

प्रत्येक महिला संरक्षण समिति में ग्रामीण क्षेत्र में उस गांव के प्रधान और कस्बा व शहरी क्षेत्र में उस वार्ड के पार्षद को शामिल किया जाएगाइनका काम होगा कि वह अपने क्षेत्र में महिलाओं के साथ होने वाली हिसाओं पर नजर रखेंगेकोई भी घटना होने पर या घटना होने की संभावना होने पर उसकी रिपोर्ट महिला कल्याण विभाग को देंगेघरेलू और बाहरी दोनों तरह के मामलों में ही वन स्टॉप सेंटर की टीम दोनों पक्षों की काउंसलिंग करेगीसमझौता नहीं होने पर आरोपी के खिलाफ संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराएगी.

महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए शहर और ग्रामीण क्षेत्र में महिला संरक्षण समितियों का गठन किया जाएगासमिति के सदस्यों को महिला हिंसा से जुड़ा कोई भी मामला सामने आने पर उसकी जानकारी विभाग में देनी होगीउसके आधार पर पुलिस के साथ मिलकर विभाग कार्रवाई करेगा.

एसएस पांडेय, जिला प्रोबेशन अधिकारी