::: नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे :::

-चिट्ठी-पत्री बाटने वाला डाकिया नजर आएगा नई भूमिका में

2400

डाकिये कार्यरत हैं वाराणसी परिक्षेत्र में

12

लाख साधारण पत्रों का वितरण प्रतिमाह डाकियों द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में किया जाता है

डाक विभाग में सबसे मुखर चेहरा डाकिये का होता है। डाकिये की पहचान चिट्ठी-पत्री और मनीऑर्डर बाटने वाली रही है, लेकिन अब डाक विभाग ने अपने को अपग्रेड करते हुए डाकिये को भी स्मार्ट बना दिया है। विभाग की पहल के बाद अब डाकिए के हाथों में स्मार्ट फोन और बैग में एक डिजिटल डिवाइस भी है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के शुभारम्भ के बाद आíथक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं।

वाराणसी परिक्षेत्र में लगभग 2400 डाकिये लोगों के दरवाजे पर हर रोज दस्तक लगा रहे हैं। सामान्य दिनों में प्रति माह साढ़े 4 लाख तो कोविड काल के दौरान 1 लाख 70 हजार स्पीड पोस्ट, पंजीकृत पत्र वितरित किये जाते रहे हैं। इसके अलावा प्रतिमाह लगभग 12 लाख साधारण पत्रों का वितरण भी डाकियों द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में किया जाता है।

नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे

एक जुलाई यानी आज नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे मनाया जा रहा है। इसकी परम्परा अमेरिका से आई, जहां वाशिंगटन राज्य के सीऐटल शहर में वर्ष 1997 में कर्मचारियों के सम्मान में इस विशेष दिवस की शुरुआत की गई। धीरे-धीरे इसे भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा। यह दिन दुनिया भर में डाक कíमयों द्वारा की जाने वाली सेवा के सम्मान में मनाया जाता है।

डाक सेवाओं ने संचार के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपनी अहम भूमिका निभाई है। जब संचार के अन्य साधन नहीं थे, तो डाक सेवाएं ही दुनिया भर में लोगों के बीच संवाद का अहम जरिया रहा करती थीं आज भी डाककर्मी उतनी ही तन्मयता से लोगों तक पत्रों, पार्सल और मनीऑर्डर के रूप में जरूरी चीजें पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। फिर चाहे ठंढ का मौसम हो या फिर चिलचिलाती गर्मी या बरसात। बगैर किसी की परवाह किये बिना सुदूर क्षेत्रों, पहाड़ी, मरुस्थली और दुर्गम क्षेत्रों में डाक सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ दरवाजे पर जाकर डाक वितरण कर रहे हैं।

:: कोट ::

नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे डाकियों के सम्मान में मनाया जा रहा है। डाकिया हर परिस्थितियों में लोगों को चिट्ठी, पत्री के अलावा अन्य कागजात पहुंचाने का काम करते हैं। वे हर मौसम में अपने आप की बगैर परवाह किए लोगों के दरवाजे पर पहुंचते हैं। उनका सम्मान जरूरी है और हम सभी का यह फर्ज कि उन्हें सम्मानित करें।

कृष्ण कुमार यादव

पोस्टमास्टर जनरल, वाराणसी परिक्षेत्र