लॉकडाउन में गर्भवती महिलाएं का नहीं हो पा रहा है चेकअप

कई प्रेग्नेंट महिलाओं को हुई परेशानी, नहीं मिल रहे डॉक्टर्स

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में बहुत से बदलाव होते हैं। गर्भवती महिलाओं में होने वाले शारीरिक परिवर्तन गर्भधारण का पता लगाने का पहला संकेत है। इस दौरान होने वाले बदलाव के साथ हीं अनेक तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर ज्यादा असर पड़ सकता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से ख्याल रखने की आवश्यकता है। वहीं इस बीच ज्यादातर प्रेग्नेंट महिलाओं का चेकअप नहीं हो पा रहा है। जिससे मुश्किल बढ़ गयी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने ऐसी महिलाओं के सेहत के लिए नि:शुल्क सेवायें एवं जाच की सुविधाएं उपलब्ध की गई हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर प्रेग्नेंट महिलाओं को हिदायत दी है। कहा गया है कि खतरे के लक्षण दिखें तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। यदि गर्भवती महिला में खतरे के कोई भी लक्षण हों या गर्भावस्था 6 माह या उससे अधिक की हो तो प्रसव पूर्व जांच जैसे कि रक्त जांच, अल्ट्रा साउंड या अन्य जांच हेतु 102 एंबुलेंस के द्वारा निकटतम सीएचसी/पीएचसी/जिला महिला चिकित्सालय जाएं और डॉक्टर व विशेषज्ञ से सलाह के अनुसार उपचार करें।

गर्भावस्था के दौरान ये होती है प्रॉब्लम

- खून की कमी यानि अत्यधिक थकान या कमजोरी महसूस होना

- बुखार आना, पेट के निचले हिस्से पेडू में दर्द एवं योनि से बदबूदार पानी आना व इससे होने वाले संक्रमण होना

- गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप की समस्या

- अत्यधिक सिर दर्द, दौरे पड़ना या झटके आना आदि

- गर्भ में पल रहे शिशु का कम घूमना

इन बातों का रखें ध्यान

- अपने आशा/ एएनएम दीदी से फोन पर परामर्श लेतीं रहें

-आयरन फोलिक एसिड की 180 गोली एवं कैल्शियम की 360 गोली खाना न भूलें

- यदि कोरोना वायरस से संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे- सर्दी, खांसी, बुखार, और सांस फूलना आदि हो तो केवल 108 एंबुलेंस की मदद से ही जिला अस्पताल जाएं।

जरूरी हैं 7 सावधानियां

- कोरोनावायरस यानि कोविड-19 से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं को 7 सावधानियों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

- मास्क का उपयोग करें, आप घर पर भी आसानी से मास्क बना सकते हैं।

- आपस में बातचीत करते समय कम से कम 1 मीटर की दूरी रखें और घर के अन्य सदस्यों से अलग एक कमरे में रहें।

- हर 4 से 6 घंटे में साबुन से हाथ धोये, मुख्यत? खाना बनाने और खाना खाने से पहले

- खांसते व छींकते समय साफ़ रूमाल/टिशू पेपर का प्रयोग करें। टिशू को कूडे दान में फेंकें व रूमाल को अच्छे से धूलकर ही पून: प्रयोग करें

- पौष्टिक आहार लें, अच्छी नींद लें और चिन्ता मुक्त रहें

- किसी भी भीड़भाड़ वाली जगह जैसे कि बाजार, धाíमक स्थान या पारिवारिक/धाíमक आयोजन में बिल्कुल न जाए?

- बार-बार अपना चेहरा, नाक, या आंख न छुएं