-दुनिया की प्राचीनतम नगरी को स्मार्ट बनाने के लिए दर्जन भर प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे, एक हजार करोड़

-सड़क से लेकर पार्क, लाइटिंग से लेकर पार्किंग तक होगा तैयार

बनारस को देश के स्मार्ट शहरों में शुमार करने की योजनाएं पूरे रफ्तार से चल रही हैं। इस शहर को यूपी का सबसे स्मार्ट शहर बनाने की सरकार की मंशा है। अधिकारियों की मानें तो दिसंबर 2021 तक इन योजनाओं का काम पूरा भी हो जाएगा। 2022 में शहरवासियों को इनकी सौगात मिलेगी। दर्जनभर से ज्यादा संचालित इन योजनाओं पर 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। काम को रफ्तार देने और वस्तु स्थिति को समझने के लिए समय-समय पर आला अफसरों की फौज मौके पर पहुंच रही है। वहीं लखनऊ से कार्य योजनाओं की मॉनिटरिंग भी की जा रही है।

9 क्षेत्रों में चल रहा काम

शहर को स्मार्ट बनाने की योजना के तहत इस पुराने शहर को सुरम्य, संयोजित, निर्मल व एकीकृत बनाया जाएगा। स्मार्ट सिटी योजना के लिए फिलहाल बनारस के 9 क्षेत्रों में काम चल रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जिसके आधार पर इस क्षेत्र का चयन किया गया है। समूचे बनारस में ई-गवर्नेंस और इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट को प्राथमिकता के तौर पर लागू किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी का हिस्सा समूचे शहर को नई सुविधाओं से लैस करेगा। घाट व मंदिरों के पुनरुद्धार, पेयजल व बिजली की निर्बाध आपूíत, कूड़ा प्रबंधन और नदी मार्ग को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। क्षेत्र के चिह्नति पार्क, कम जगह में मल्टी लेवल पाìकग, कल्चर कम कन्वेंशन सेंटर, और टाऊनहाल को स्मार्ट बनाया जाएगा। शिल्पी हाट, सेंटर आफ एक्सलेंस विद हाल ऑफ फेम, लाइट एंड साउंड शो, नाइट बाजार के साथ पुराने जलाशयों व पोखरों का पुनरुद्धार कर उन्हें नया रूप दिया जाएगा।

तो ऐसे स्मार्ट बनेगा बनारस

गौदौलिया चौराहे पर पाìकग

-21.17 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे मल्टी लेवल पाìकग का 60 प्रतिशत काम हो गया है। शहर के सबसे प्रमुख इलाके में इसके बनने से वाहनों के पाìकग की समस्या का समाधान होगा।

मच्छोदरी स्कूल निर्माण

-14.21 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे स्मार्ट स्कूल का काम 40 प्रतिशत से अधिक हो गया है। इसके बनने से आसपास के आíथक रूप से कमजोर बच्चों को कांवेंट शिक्षा मिलेगी। शहर में शिक्षा की स्थिति अच्छी होगी।

टाउनहॉल पाìकग

-23.31 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे पाìकग का 20 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इसके बनने से मणिकíणका घाट पर आने वाले शवदाह यात्रियों के वाहनों की पाìकग की सुविधा होगी।

बेनियाबाग पाìकग

-90.41 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे पाìकग का 15 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इसके बनने से गोदौलिया आने वाले लोगों को वाहनों की पाìकग में सुविधा मिलेगी।

तालाबों का कायाकल्प

15.40 करोड़ रुपये की लागत से पांच तालाबों का सुंदरीकरण का कार्य कराया जा रहा है। इसमें प्रमुख नदेसर, कंदवा समेत अन्य तालाब हैं। इनका 50 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया है। उसके बाद तालाबों का सुंदरीकरण होगा।

पार्को का सुंदरीकरण :

4.45 करोड़ रुपये की लागत से पांच पार्को का सुंदरीकरण किया जा रहा है। 15 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इनमें प्रमुख बेनियाबाग, शहीद उद्यान हैं। इनके बनने से आसपास के लोगों को हरियाली के साथ सुंदर पार्क मिलेंगे।

वॉर्डो का समूचित विकास

85.33 करोड़ों रुपये की लागत से बन रहे छह वार्डो को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें अब तक 20 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। उसी के आधार पर अन्य वार्डो का कायाकल्प होगा।

घाटों की मरम्मत

-11.88 करोड़ रुपये की लागत से क्षतिग्रस्त घाटों को सुंदर बनाया जा रहा है। अब तक 20 प्रतिशत काम हो गया है। इसके बन जाने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।

हेरिटेज साइनेज

-5.08 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे हेरिटेज साइनेज का 15 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। शहर के विभिन्न इलाकों में इसके बन जाने से यहां की जानकारी लोगों को होगी।

चौराहे पर जेब्रा क्रासिंग

-66 लाख रुपये की लागत से यातायात के लिए काम चल रहा है। अब तक 15 प्रतिशत काम पूरा हो गया है इसके बनने से यातायात में सुधार की उम्मीद है।

घाटों पर ऑडियो-वीडियो सिस्टम

-8.87 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे साउंड सिस्टम से बाहर से आने वाले पर्यटकों को मदद मिलेगी। अब तक 20 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।

सभी चौराहे पर एडवांस कैमरे

-128.04 करोड़ रुपये की लागत से एडवांस कैमरे लगाए जाएंगे। इससे दूर से ही नंबर प्लेट और व्यक्ति की पहचान करने में आसानी होगी। अब तक 25 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।

दशाश्वमेध पर पाìकग

-26.58 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे पाìकग का 15 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इससे घाट की सुंदरता भी बढ़ेगी और बाहर से आने वाले पर्यटकों को मदद मिलेगी।

संपूर्णानंद स्टेडियम निर्माण

-133 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे स्टेडियम का 10 प्रतिशत काम हुआ है। इसके बनने से खिलाडि़यों को काफी मदद मिलेगी। इससे यहां नेशनल मैच भी आयोजित हो सकेंगे।

बिजली व्यवस्था की मॉनीटरिंग

-72 करोड़ रुपये से शहर की बिजली व्यवस्था की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी। कहीं भी बिजली जाएगी, इसकी सूचना तत्काल कंट्रोल को होगी। अब तक 10 प्रतिशत काम हुआ है।

चाìजग स्टेशन

-21.64 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 11 चाìजग स्टेशन के लिए जमीन का चिह्नीकरण हो गया है। इनके बनने ई व्हीकल का संचालन हो सकेगा। इससे पर्यावरण को काफी फायदा होगा।

-शहर को स्मार्ट बनाने को लेकर बनी योजनाओं पर तेजी से कार्य हो रहा है। हर कार्य की लगातार मॉनिटरिंग और समय-समय पर समीक्षा की जा रही है। 2021 तक कार्य पूरा कराने का टारगेट है।

दीपक अग्रवाल, कमिश्नर