-काशी विद्यापीठ छात्रसंघ चुनाव में सोशल मीडिया बना बड़ा हथियार, छात्रनेता कर रहे जमकर प्रचार

-पोस्ट व लाइव से पटा प्रत्याशियों और समर्थकों का पेज

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रसंघ चुनाव में प्रचार पूरे शबाब पर पहुंच गया है। कैंपस में हर तरफ चुनावी माहौल का खुमार चढ़ा हुआ है, हर तरफ पोस्टर, बैनर व पंपलेट बिखरे हुए नजर आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी की सड़कें पंपलेट व हैंडबिल से पटी हुई नजर आ रही हैं। चुनाव में प्रचार का हर वह तरीका आजमाया जा रहा है जो वोटर्स को आकíषत कर सके। इसमें सोशल मीडिया को अस्त्र बनाया गया है। इस बार छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी, समाजवादी छात्रसभा व एनएसयूआई के समर्थन से प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं।

पोस्ट से लेकर लाइव तक

चुनाव में भाग्य आजमा रहे स्टूडेंट्स का पूरा फोकस सोशल मीडिया पर है। छात्रनेता अपनी एक एक एक्टिविटी को सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। सबसे ज्यादा फेसबुक का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ साल पहले बनाए गए विश्वविद्यालय के नाम से फेसबुक पेज को फिर से जीवित कर दिया गया है। हॉस्टल के नाम पर बने फेसबुक पेज, विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों के नाम पर बने पेज, विश्वविद्यालय की संस्कृति पर आधारित पेज तथा हाल ही में आयोजित शताब्दी वर्ष के दौरान बनाए गए काशी विद्यापीठ के फेसबुक पेज पर भी वरिष्ठ छात्रों से लेकर नए छात्र लगातार अपने समíथत प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे हैं। इसपर लाइव भी हो रहा है। रात में प्रत्याशी जब चुनाव प्रचार से वापस लौटते हैं तो सोशल मीडिया के फेसबुक प्लेटफॉर्म पर लाइव के जरिए अपील करते हैं। जिसमें भावुकता भी होती है। इस वीडियो को वाट्सएप के स्टेटस पर भी पोस्ट किया जा रहा है।

प्रचार से लेकर भाषण तक

सबसे ज्यादा अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे कैंडीडेट्स व उनके समर्थक सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। एग्जिट पोल निकाल रहा है तो कोई अपील कर रहा है। कई लोगों ने सामूहिक रूप से फेसबुक लाइव करके अपने-अपने प्रत्याशियों का बखान किया है। यही नहीं रात में होने वाली पार्टी व चाय नाश्ते को भी फेसबुक पर लाइव किया जा रहा है। प्रत्याशियों का भाषण व उनको समर्थन देने वाले संगठन के नेताओं का वीडियो भी अपलोड किया जा रहा है। इसे वाट्सएप के स्टेटस पर भी लगाया जा रहा है, और समर्थकों के बने गु्रप में भी यह घूम रहा है। कुछ खास लोगों को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जोड़ा जा रहा है जो लगातार अपने प्रत्याशियों के पक्ष में मीम बना रहे हैं तथा जो उनके विपक्ष में है उनके खिलाफ हास्य मीम बना कर प्रचारित कर रहे हैं।

महिलाओं के नाम पर बनी आइडी से भेज रहे रिक्वेस्ट

फेसबुक अकाउंट ज्यादातर महिलाओं के नाम पर बनाए जा रहे हैं जिनसे लगातार यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजे जा रहे हैं। रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होते ही बातचीत का सिलसिला शुरू हो जा रहा है। फोटो टैग करने के साथ ही वोट देने की अपील की जा रही है। कुछ भड़कीले पोस्ट भी किए जा रहे हैं तथा राजनीतिक पाíटयों के समर्थन का भी दावा किया जा रहा है। जिसमें समाजवादी छात्र सभा को समाजवादी पार्टी का समर्थन मिलने का दावा तो एबीवीपी को भाजपा व आरएसएस के समर्थन की बात की जा रही है। इसी तरह एनएसयूआई को कांग्रेस का समर्थन मिलने का पोस्ट शेयर किया जा रहा है।

लाइक्स बढ़ाने में जुटे समर्थक

एक तरफ कैंपस में छात्रनेता शक्ति प्रदर्शन में पूरी ताकत से जुटे हुए हैं तो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर भी जोर लगाए हुए हैं। प्रत्येक पोस्ट पर लाइक्स, शेयर व कमेंट अधिक से अधिक आएं इसके लिए भी समर्थक जुटे हुए हैं। फेसबुक पर पोस्ट के अपलोड होते ही उसे ज्यादा से ज्यादा लाइक्स मिलें इसके लिए भी होड़ मची हुई है। प्रत्याशियों के समर्थकों की एक टीम इसके लिए अलग से कार्य कर रही है। इसमें महिलाओं को भी जोड़ा गया है। जो अपने अपने आइडी से इस कार्य को अंजाम दे रही हैं। कुछ के इंस्टाग्राम पेज भी हैं। जहां पल पल की फोटो अपलोड हो रही है।

चार पदों पर ये हैं कैंडीडेट

अध्यक्ष- अलोक रंजन, शशिशेखर सिंह व विमलेश यादव

उपाध्यक्ष -संदीप पाल, संजय कुमार यादव व शशिधर जायसवाल

महामंत्री -अभय शक्ति सिंह, अमन भारद्वाज व प्रफुल्ल पांडेय

पुस्तकालय मंत्री- अंकित वर्मा व आशीष गोस्वामी