-रेलवे ने बारिश के पानी में डूबे ट्रैक पर दौड़ने के लिए बनाया वाटरप्रूफ इंजन

-12 इंच पानी में डूबे ट्रैक पर भी दौड़ सकेगी ट्रेन, मुंबई में चल रहा ट्रायल

VARANASI

बारिश के दिनों में अक्सर पैसेंजर्स की ट्रेन स्टेशन व यार्ड में ट्रैक पर पानी भरने से रूक जाती है। रेल लाइनों में पानी भरने से कई बार ट्रेंस को कैंसिल या फिर समय में तब्दीली कर दी जाती है। जिससे न तो पैसेंजर एक जगह से दूसरी जगह जा पाते हैं और न ही अपने डेस्टिनेशन पर ही समय पर पहुंच पाते हैं। लेकिन अब बारिश के मौसम में आपको इन परेशानियों का सामना नहीं करना पडे़गा। रेलवे ने एक ऐसा वाटरपू्रफ इंजन ट्रैक पर उतारा है, जो 12 इंच यानी एक फीट तक पानी में भी चलने में सक्षम होगा।

मुंबई में ट्रायल शुरू

बरसात के दिनों में सबसे ज्यादा मुंबई में ट्रेंस इफेक्टेड होती हैं। इसको देखते हुए रेलवे ने वॉटरपू्रफ इंजन को सबसे पहले मुंबई में उतारने का डिसीजन लिया है। वहां की लोकल ट्रेन में इसे लगाया गया है। ट्रायल सक्सेस होने पर इसे दूसरी ट्रेंस में भी जोड़ दिया जाएगा। ऑफिसर्स के मुताबिक पिछले कुछ सालों से भारी बारिश के कारण ट्रेन सेवाओं पर असर पड़ रहा है, इसलिए एक आधुनिक लोकोमोटिव इंजन विकसित किया गया है। जो भारी बारिश में भी फंसे हुए डिब्बों को पानी भरे जगहों से खींच सकेगा। उन्होंने बताया कि इस इंजन को कुर्ला कारसेड में तैयार किया गया है। आवश्यकता पड़ने पर इसे देश के अन्य जगहों पर भी उतारा जाएगा।

इस तरह करेगा काम

पिछले साल भारी बारिश के चलते 25 इंजनों के ट्रैक्शन मोटर में पानी घुसने की वजह से ट्रेन जहां-तहां खड़ी हो गईं। ट्रैक पर चार इंच से अधिक पानी भर जाने पर इंजन के नीचे लगे ट्रैक्शन मोटर में पानी घुस जाता है और इससे इंजन फेल हो जाता है। नए इंजन में ट्रैक्शन मोटर को पूरी तरह सील कर दिया गया है, जो पानी को अंदर जाने से रोकेगा। ऐसे में यह इंजन ट्रैक पर 12 इंच तक पानी भरने की स्थिति में भी चलने में सक्षम रहेगा।

इस तरह का इंजन स्टेशन व यार्ड में काफी कारगर साबित होंगे। जहां लो लेवल के चलते बारिश के दिनों में पानी भर जाता है और ट्रेन खड़ी हो जाती है। इस तरह के इंजन से उन्हें स्टेशन और यार्ड से बाहर निकाला जा सकेगा।

नितिन मेहरोत्रा, सीपीआरओ

डीएलडब्ल्यू