वाराणसी (ब्यूरो)30 शाबान के चांद के दीदार के साथ माहे रमजान की आज शुरुआत हो गईलोगों ने एक दूसरे को रमजान मुबारक कह कर विश कियायह सिलसिला सोशल मीडिया पर भी चलता रहामार्केट में भी ईद की रौनक दिखने लगीअरब की टोपी और खजूर से बाजार महमह कर उठामस्जिदों में नमाज के लिए नमाजियों का हुजूम भी उमड़ पड़ाघर से मस्जिद, मस्जिद से बाजार तक रमजान की रौनक से रोशन हो उठेदरअसल रहमतों का महीना रमजान शुरू होते ही नमाजे तरावीह की खास नमाज शुरू हो गई अल्लाह के नेक बंदे रमजान की रहमतों को पाने के लिए मस्जिदों में उमड़ पड़े.

रमजान की रहमत

हाफीज तारीक शहाबुद्दीन का कहना है कि माहे रमजान में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश के लिए भूख-प्यास समेत तमाम ख्वाहिश को रोकता हैबदले में अल्लाह अपने उस इबादतगुजार रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है, इस्लाम की पांच बुनियादों में रोजा भी शामिल है और इस पर अमल के लिए ही अल्लाह ने रमजान का महीना मुकर्रर किया हैखुद अल्लाह ने कुरान शरीफ में इस महीने का जिक्र किया हैरमजान इंसान के अंदर जिस्म और रूह हैआम दिनों में उसका पूरा ध्यान खाना-पीना और दीगर जिस्मानी जरूरतों पर रहता है लेकिन असल चीज उसकी रूह हैइसी की तरबीयत और पाकीजगी के लिए अल्लाह ने रमजान बनाया है.

शैतान गिरफ्तार हो गया

रमजान शुरू होते ही शैतान गिरफ्तार कर लिया जाता हैइस माह में की गई हर नेकी का सवाब कई गुना रब बढ़ा देता हैइस महीने में एक रकात नमाज अदा करने का सवाब 70 गुना हो जाता हैसाथ ही इस माह में दोजख के दरवाजे भी बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाते है.

रमजान के तीन अशरे

अमूमन 30 दिनों के रमजान माह को 10-10 दिन के तीन अशरों में बांटा गया हैपहला अशरा 'रहमतÓ का हैइसमें अल्लाह अपने बंदों पर रहमत की दौलत लुटाता हैदूसरा अशरा 'मगफिरतÓ का हैइस अशरे में अल्लाह अपने बंदों को गुनाहों से पाक कर देता हैयानी रोज़ेदारों की मगफिरत कर देता हैतीसरा अशरा जहन्नुम से आज़ादी का है, जिसने तीनों अशरा कामयाबी से पूरा किया रब उसे जहन्नुम से आज़ाद कर देता है.

इस माह की विशेषताएं

मौलाना शफी अहमद बताते हैं कि महीने भर के रोजे रखना, रात में तरावीह की नमाज पढऩा, कुरान की तिलावत करना, एतेकाफ़ में बैठना, अल्लाह से दुआ मांगना, ज़कात देना, अल्लाह का शुक्र अदा करनाइसीलिये इस माह को नेकियों और इबादतों का महीना माना जाता हैतरावीह की नमाज़ में महीना भर कुरान पढऩाजिससे कुरान पढऩा न आने वालों को क़ुरान सुनने का सवाब ज़रूर मिलता हैरमजान को नेकियों का मौसम--बहार कहा गया हैरमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता हैइस महीने में मुसलमान अल्लाह की इबादत ज्यादा करता हैअपने अल्लाह को खुश करने के लिए रोजों के साथ, कुरआन, दान धर्म करता हैयह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का है.

मार्केट में उमड़ पड़े लोग

तरावीह की नमाज खत्म होते ही लोगों ने सहरी के लिए खरीदारी कीखजूर, इमरती, ब्रेड, मक्खन, दूध आदि लेने लोगों का हुजूम बाजार में उमड़ पड़ादालमंडी, मदनपुरा, सरैया, लोहता समेत कई बाजारों में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ादेर रात तक बाजारों में खरीदारी हुईरमजान माह को देखते हुए दालमंडी में अरब, ईरान का खजूर व टोपी की काफी डिमांड रहीपूरे महीने दालमंडी में खजूर, सेवई और टोपी की खरीदारी होती हैं.

अपने अल्लाह को खुश करने के लिए रोजों के साथ कुरआन, दान धर्म करता हैयह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का हैइस महीने में अधिक से अधिक दान करना चाहिए.

सोनी खान, रोजेदार

रमजान के माह में की गई हर नेकी का सवाब कई गुना रब बढ़ा देता हैइस महीने में एक रकात नमाज अदा करने का सवाब 70 गुना हो जाता है.

सुरैया बेगम, रोजेदार

इस बार नवरात्र और रमजान माह का पडऩा काफी अच्छा माना गया हैत्योहार में भी गंगा-जमुना की तहजीब दिख रही हैइसे सभी लोग हंसी-खुशी मनाएं.

शेख आसिफ, रोजेदार

इस माह को नेकियों और इबादतों का महीना माना जाता हैतरावीह की नमाज में महीनाभर कुरान पढऩा, जिससे कुरान पढऩा न आने वालों को कुरान सुनने का सवाब जरूर मिलता है.

अबुल खैर, रोजेदार