-ट्रिपिंग, लाइन लॉस, पुराने इंसुलेटर, जर्जर तार बन रहे पावर सप्लाई में बाधा

-शहर के कई एरिया में डेली पावर सप्लाई रही प्रभावित

बारिश थमने के बाद शहर में उमस भरी गर्मी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। गर्मी से जहां लोग पसीने से तर बतर हो रहे हैं, वहीं बिजली कटौती ने लोगों की मुसीबत और बढ़ा दी है। भले ही प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में 24 घंटे निर्बाध बिजली का दावा किया जा रहा हो, मगर बिजली की आंख मिचौली जारी है। शहर से लेकर गांव तक बिजली की समस्या बनी हुई है। कुछ मुख्य एरिया को छोड़ दिया जाए तो अन्य जगहों पर बिजली कटने की समस्या बनी हुई है। भले ही अधिकारी यह दावा करें कि बिजली कटौती नहीं हो रही है, लेकिन जब इसकी पड़ताल की गई तो पावर कट होने की एक नहीं कई कई सारी वजहें सामने आई।

यह है सबसे बड़ी समस्या

बिजली विभाग से जुड़े एक्सपर्ट बतातें हैं कि निर्बाध बिजली सप्लाई में हिटिंग सबसे बड़ी समस्या होती है। खासकर उस समय जब बिजली की खपत ज्यादा बढ़ जाती है। इसे कॉपर लॉस हिटिंग भी कहा जाता है। जिस फीडर से पावर सप्लाई होती है, वहां करंट से हमेशा हिटिंग होती रहती है। गर्मी के समय जब लोड बढ़ता है तो सप्लाई और तेज धूप की वजह से हिटिंग और ज्यादा बढ़ जाती है। जिससे बत्ती गुल होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस हिटिंग को बैलेंस करने के लिए बीच-बीच में शट्ट डाउन लेना पड़ता है। अगर ऐसा न हो तो बड़ा फाल्ट आने के साथ कई बड़ा एरिया प्रभावित हो सकता है।

पुराने इंसुलेटर से परेशानी

बारिश के दिनों में अचानक बिजली गुल होने की समस्या ज्यादा आती है। इसकी सबसे बड़ी वजह चाइनीज इंसुलेटर का होना है। इस चाइनीज इंसुलेटर के कारण बारिश के दिनों में ज्यादा लोकल फाल्ट आ रहा है। वहीं इसके चलते उपकेंद्र से जुड़े फीडर ट्रिप कर जाते हैं। जिससे बिजली की समस्या आए दिन बनी रहती है। जानकार बता रहे है कि पुराने चाइनीज इंसुलेटर बारिश के मौसम में पंचर हो जा रहे हैं। यही नहीं आकाशीय बिजली की चमक और तड़क से चाइनीज इंसुलेटर क्रेक होकर टूट जाते हैं। हल्की बारिश में नमी के कारण इनमें कार्बन आ जा रहा है। ये इतने जर्जर हालत में हो गए है कि इनमें हाई वोल्टेज झेलने की क्षमता खत्म हो गई है।

ट्रांसफार्मर की परेशानी

गर्मी के दिनों में बिजली गुल होने की सबसे बड़ी वजह ट्रांसफार्मर बनता है। हालांकि जिन एरिया में आईपीडीएस वर्क के तहत पावर सप्लाई हो रही है, वहां तो यह समस्या खत्म हो गई है। मगर शहर के आधे से ज्यादा एरिया में अभी भी ओवर हेड तारों से ही बिजली की सप्लाई है। इस सप्लाई के लिए जगह-जगह ट्रांसफार्मर लगाए गए है। इन ट्रांसफार्मर पर जब लोड बढ़ता है तो सबसे पहले इसे में फॉल्ट आता है। बिजली के लोड और तेज धूप लगने के कारण ज्यादा हिटिंग बढ़ने से इसके डीओ में फॉल्ट आता है। जैसे ही ट्रांसफार्मर होवर हीट होता डीओ ब्लास्ट कर जाता है। इसे संबंधित एरिया की बिजली गुल हो जाती है। हालांकि विभाग की तरफ से इसे हिटिंग से बचाने के लिए ट्रांसफार्मर में लगातार ऑयलिंग होती रहती है।

बिजली तार भी डाल रहे व्यवधान

सिर्फ इंसूलेटर, ट्रांसफार्मर और हिटिंग की समस्या ही पावर कट की वजह नहीं है। इन सब के अलावा शहर में दौड़ रही ओवर हेड बिजली की तारें भी हैं। कई एरिया में तार बेहद पुराने होने की वजह से जर्जर हो चुके हैं। जैसी ही तारों पर लोड बढ़ता है उसके टूटने के चांसेस बढ़ जाते हैं। कई जगह तो तारों में कई जोड़ लगाए गए हैं, जिसकी वजह से सप्लाई में आए दिन व्यवधान पड़ता रहता है। जब तक इन तारों को नहीं बदला जाता तब तक बत्ती गुल होने की समस्या बनी रहेंगी।

फाल्ट और फीडर ट्रिपिंग

जानकारों का कहना है कि पावर लाइन के निर्माण के समय ठेकेदार चाइनीज और निम्न गुणवत्ता वाले इंसुलेटर लगा रहे थे। उस समय ही इनके जल्दी खराब होने की आशंका जताई थी। लोकल फाल्ट और फीडर ट्रिपिंग का मूल कारण यही है। जब तक नहीं लगाए जाएंगे तब तक लोकल फाल्ट से छुटकारा नहीं मिलने वाला है। यही इसका स्थायी समाधान भी है।

:: कोट :::

जिले में बेवजह पावर कट नहीं किया जाता। कई बार विभाग को सप्लाई के बैलेंस बनाए रखने के लिए भी शट्ट डाउन लेना पड़ता है। अगर ऐसा नहीं हो तो बड़ी समस्या आ सकती है। रही बात इंसुलेटर की तो जल्द उच्च गुणवत्ता वाले इंसुलेटर लगाया जाएगा।

- दीपक अग्रवाल, एसई-सेकेंड