वाराणसी (ब्यूरो)एक डाक्टर के नाम से प्रदेश के कई शहरों में 50 से अधिक हॉस्पिटल, लैब और अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित करने का मामला सामने आया थाइसीलिए डाक्टरों के किराए पर डिग्री देने पर सख्ती की गई हैअब हास्पिटल के पंजीकरण और नवीनीकरण के नए मानक निर्धारित किए गए हैंएक अप्रैल से शुरू हो रही नवीनीकरण की प्रक्रिया में एक डॉक्टर के नाम से एक ही हास्पिटल संचालित हो सकेगाअल्ट्रासाउंड सेंटर और लैब की संख्या भी सीमित कर दी गई हैइससे काली कमाई पर न सिर्फ रोक लगेगी, बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो सकेगा.

50 हास्पिटल हो रहे थे संचालित

पिछले वर्ष 50 से अधिक ऐसे डाक्टर सामने आए थे जिनके नाम से वाराणसी सहित 10 से 15 शहरों में 50 से अधिक हास्पिटल और लैब संचालित हो रहे थेइनके पंजीकरण निरस्त करने के साथ ही छापे मारे गए थे, हास्पिटल और लैब सील कर दिए थेइस बार भी एक डाक्टर के नाम से कई हास्पिटल और लैब संचालित न हो, इसके लिए मानक निर्धारित किए गए हैंइसके साथ ही अग्निशमन विभाग, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य विभागों का अनापत्ति प्रमाण पत्र और हास्पिटल में दी जाने वाली सुविधाओं का ब्योरा देना होगा

आइसीयू के लिए भी सख्त नियम

हास्पिटल में सघन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) है तो इसके लिए भी मानक पूरे करने होंगे। 24 घंटे एक डाक्टर की उपलब्धता, प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती करनी होगीटीम निरीक्षण करेगी, इसके बाद ही पंजीकरण और नवीनीकरण किया जाएगा.

एक अप्रैल से हास्पिटल, लैब और अल्ट्रासाउंड सेंटर के नवीनीकरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो रही हैयूपी हेल्थ डाट इन पर आनलाइन आवेदन करना होगाएक डाक्टर (पर्सन इंचार्ज) के नाम से एक ही हास्पिटल का पंजीकरण होगा, एक डाक्टर एक से अधिक अस्पताल में सेवाएं दे सकता हैवहीं, एक डाक्टर के नाम से दो अल्ट्रासाउंड सेंटर का ही पंजीकरण होगाइसी तरह एक डाक्टर के नाम से तीन पैथालाजी लैब का पंजीकरण कराया जा सकता है, लेकिन डाक्टर किस लैब पर किस समय उपलब्ध रहेगाइसका ब्योरा शपथ पत्र के साथ देना होगा.

डासंदीप चौधरी, सीएमओ