वाराणसी (ब्यूरो)दीपावली पर जमकर आतिशबाजी के चलते लगातार दो दिन तक शहर का पॉल्यूशन लेवल बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता हैभले ही दिवाली आने में अभी 20 दिन से कम समय बचा है, लेकिन उससे पहले ही बनारस की हवा खराब हो गई हैमौसम में नमी आने के बाद सुबह-शाम लोगों को स्मॉग और फॉग के चलते अब सांस लेने में दिक्कत आने लगी हैइसकी वजह शहर में हो रहे निर्माण कार्यों में की जा रही अनदेखी है और सड़कों पर हुए गड्ढे बताए जा रहे हैंएक्यूवेदर की रिपोर्ट की मानें तो सोमवार को शहर की हवा सबसे खतरनाक स्तर 164 तक पहुंच गया, जबकि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एक्यूआई बोर्ड में आंकड़ा सैटिसफाई करने वाली बताई जा रही हैअगर शहर की एयर क्वालिटी दुरुस्त है तो लोगों की सांसें कैसे फूल रही हैजिस तरह से स्वास्थ्य विभाग के अफसर रहस्यमयी बुखार को कोई गंभीर बीमारी नहीं सामान्य वायरल बता रहे हैं, उसी तरह से पीसीबी के जिम्मेदारों के पास इसका कोई जवाब नहीं है.

जहरीली हवाओं से घुट रहा दम

सड़कों पर उड़ते धूल और जहरीली हवाओं से लोगों का दम घुट रहा हैहवा में बढ़ते प्रदूषण के कारण अस्थमा (दमा) रोगियों की सांसे फूल रही हैं तो दिल के पेशेंट भी परेशान हो रहे हैैंशहर में बढ़ते वाहनों की भीड़, धूल-धुएं और निर्माण कार्यों के चलते वातावरण में एयर पॉल्यूशन भी बढ़ रहा हैहवा में कार्बनडाई आक्साइड, एरोसोल्स, सल्फर, बारीक धूल कण, राख, कार्बन और हार्ड मैटर की वजह से श्वास, एलर्जी और दिल के पेशेंटों को परेशानी हो रही हैइधर तापमान में आई नमी से मॉर्निंग में स्मॉग से भी लोग परेशान हो रहे हैंइससे जुकाम-खांसी व एलर्जी के पेशेंट में खूब इजाफा हो रहा है

बच्चे-बुजुर्ग को अधिक दिक्कत

शहर की आबोहवा में बढ़ते एरोसाल्स की वजह से एक बड़ी आबादी को सांस संबंधी दिक्कतें सामने आ रही हैनवजात, बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं को मौसम की बदली चाल की वजह से दिक्कत होती हैचिकित्सकों ने बताया कि इन दिनों मौसम में बदलाव का रुख बना हुआ हैअब हवाओं में ठंडक हैखासकर सुबह और शाम के समयअस्थमा रोगियों को मौसम में बदलाव के समय एलर्जी शुरू हो जाती है.

इन एरियाज में दिक्कत

सबसे ज्यादा खराब स्थिति सिगरा, रथयात्रा, कैंट, लहरतारा रोड, काशी विद्यापीठ रोड, महमूरगंज, कमच्छा, लक्सा, गोलगड्डा, अलईपुर आदि क्षेत्र की हैसिटी के सबसे प्रमुख एरिया रथयात्रा से कैंट तक दिन रात धूल और मिट्टी उड़ रही हैइसका कारण रोप-वे और अन्य सरकारी निर्माण कार्य हैंवहीं सिगरा क्षेत्र में स्पोट्र्स स्टेडियम के लिए भी निर्माण कार्य चल रहा हैइसके कारण इन सभी मार्ग पर दिनरात धूल और मिट्टी उड़ रही हैजिससे यहां लोगों का चलना मुश्किल हो गया हैइन सब के बाद भी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के इंडेक्स में शहर में कही भी पॉल्यूशन नहीं फैल रहा

नहीं हो रहा छिड़काव

नियम है कि जहां कही भी निर्माण कार्य हो रहा हो, वहां पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह उस एरिया और सड़क मार्ग पर पानी का छिड़काव कराएमगर ऐसा कही भी नहीं हो रहा हैजिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैइन मार्गो पर इन दिनो इतना ज्यादा धूल उड़ रहा है कि लोग धूल से नहा ले रहे हैंअगर कोई मास्क या मुंह पर कपड़ा न बांधे तो धूल के सूक्ष्म कण गले के रास्ते सीधे फेफड़े तक पहुंच रहा है

एक्यूवेदर के मुताबिक सिटी का एक्यूआई

एक्यूआई पीएम 2.5 पीएम 10

165 164 133

सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को सिटी का एक्यूआई

एरिया पीएम 2.5 पीएम 10

अर्दली बाजार 92 51

भेलूपुर 63 53

बीएचयू 86 55

मलदहिया 68 53

क्या है मानक

पीएम 2.5 का 60

60 से ज्यादा हुआ तो खतरा बढ़ जाएगा

पीएम 10 का 100

100 से ज्यादा बढ़ा तो खतरा बढ़ जाएगा

पॉल्यूशन की समस्या अचानक से कम नहीं हो सकतीइसके लिए ठोस प्लान और जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत हैश्वास संबंधी पेशेंट की संख्या अब बढ़ रही हैधूल-धुआं आदि से अभी भी अलर्ट रहने की जरूरत हैचेस्ट में इंफेक्शन और दमा के मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही हैइसकी वजह पॉल्यूशन ही है.

डॉएसके अग्रवाल, चेस्ट स्पेशलिस्ट

जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहेसरकारी कागजों और रिपोर्ट में कहीं भी पॉल्यूशन नहीं है, लेकिन सड़कों पर उड़ते धूल के कण लोगों के फेफड़ों तक पहुंच रहे हैंदिवाली नजदीक हैऐसे में निर्माण कार्य के धूल और आतिशबाजी से स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती हैअब भी कही पानी का छिड़काव नहीं हो रहा.

एकता शेखर, मुख्य अभियानकर्ता, द क्लाइमेट एजेंडा