वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में हाल के दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई हैशनिवार को दोपहर बाद हुई बारिश से भीषण गर्मी और उमस से राहत जरूर मिली, लेकिन सावन माह में घनघोर बारिश व गिरने वाली फुहार ने तो शहर से तौबा ही कर लिया हैशुक्रवार और शनिवार को मिलाकर महज 12 मिमी बारिश दर्ज की गईकम बारिश का असर गंगा नदी पर भी देखने को मिल रहा हैबारिश के थमने और कम होने से गंगा पार डोमरी और सूजाबाद की तरफ रेत के टीले दिखने लगे हैैं.

कम बारिश से बढ़ रही चुनौती

पर्यावरण प्रेमियों ने चिंता जताई है कि मानसून के सीजन में अच्छी बारिश नहीं प्राप्त हुई तो पानी की कमी गंगा में समय से पहले ही देखने को मिल सकती हैहालांकि, अभी बारिश के लिहाज से तकरीबन तीस दिन शेष है, लेकिन पहले से ही मानसून की बेरूखी से बनारस, चंदौली समेत पूर्वांचल के आधा दर्जन जनपदों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई हैकम बारिश होने से कृषि और अन्य गतिविधियां प्रभावित हो रही है.

गंगा पार रेत का उभार

यूपी और बिहार के कई मैदानी इलाकों में कम बारिश दर्ज की जा रही हैइन क्षेत्रों में बहने वाली सहायक नदियों से गंगा को पानी मिल जा रहा हैउत्तराखंड मैदानी इलाकों में पहाड़ों पर बारिश से कुछ दिनों पहले गंगा में उफान की स्थिति रहीसीवीसी के आंकड़ों के मुताबिक बनारस में गंगा 1.5 से 2 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की जाती रही, लेकिन हाल के 5 दिनों में गंगा में तेजी से घटाव के साथ गंगा नदी 2.15 मीटर घट गईनदी में पानी के घटने से सूजाबाद और डोमरी में गंगा किनारे रेत के टीले दिखने लगे हैैं.

बारिश का इंतजार

मौसम वैज्ञानिक प्रो एनएस पांडेय ने बताया कि आगामी पांच दिनों में कोई अच्छी बारिश के आसार नजर नहीं आ रहे हैैंमानसून ट्रफ दक्षिण की ओर खिसक रहा हैमैदानी इलाकों में रैन लाइन थीन होती जा रही हैवहीं, बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक इफेक्ट आ रहा हैलिहाजा, आने वाले दिनों में आगामी पांच दिनों में घनघोर बारिश के आसार नहीं है.

64.23 सेंटीमीटर जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में शनिवार की सुबह 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 64.23 सेंटीमीटर पर बना हुआ थागंगा नदी में नाव संचालन और गहरे जल में उतर कर स्नान पर प्रतिबंध नहीं है.