- परम धर्म संसद में दूसरे दिन छाया रहा राम मंदिर का मुद्दा

- एक स्वर से उठी भव्य रामलला के मंदिर बनाने पर धर्मादेश की मांग

VARANASI

काशी के सीर गोवर्धनपुर में चल रहे परम धर्म संसद 1008 में दूसरे दिन सोमवार को भी राम मंदिर का मुद्दा छाया रहा। विभिन्न स्थानों से आये धर्म सांसदों ने एक स्वर में अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए हुंकार भरी। कहा कि भगवान श्रीराम का तम्बू में निवास करना सौ करोड़ सनातनियों का अपमान है। इसलिए रामलला का एक क्षण भी तम्बू में निवास सहन नहीं किया जा सकता। धर्म संसद में दूसरे दिन सोमवार को दोनों सत्रों में मंदिर रक्षा विधेयक के साथ-साथ धर्मातरण विधेयक, वैदिक शिक्षा पद्धति और गंगा संरक्षण जैसे विषयों पर धर्म सांसदों ने गहन विमशर्1 किया।

हर नागरिक चाहता है मंिदर निर्माण

सुप्रीमकोर्ट के सीनियर एडवोकेट परमेश्वर नाथ मिश्र ने कहा कि धर्म संसद तटस्थ है, यहां से जो भी हल निकलेगा उससे पूरी दुनिया सहमत होगी। देश का हर नागरिक चाहता है कि राम मंदिर का निर्माण हो लेकिन किसी को दु:ख पहुंचा कर नहीं।

अयोध्या से आये पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण महाराज ने कहा कि यह अत्यन्त दु:ख का विषय है कि भगवान श्रीराम भी देश के सामान्य जनमानस की तरह दशको से न्याय का इन्तजार कर रहे है। जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने धर्म संसद में प्रदेश सरकार द्वारा श्रीराम के स्टैचू निर्माण के विषय पर निंदा प्रस्ताव रखा। धर्माचार्य अजय गौतम ने भी विचार रखा। धर्म संसद में ब्रम्हचारी सुबुद्धानन्द, प्रज्ञानन्द, स्वामी राजीव लोचन दास, स्वामी लक्ष्मण दास, अच्यूतानन्द , इन्दुभवानन्द, आदि शामिल थे।

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सत्ता हासिल करना उद्देश्य नहीं

शंकराचार्य ज्योतिष एवं द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानन्द ने कहा कि परम धर्म संसद आयोजन करने का उद्देश्य किसी राजनीतिक दल का गठन करना नहीं है। और ना ही हम यहां सत्तारूढ़ होने के लिए बैठे हैं। धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज का उल्लेख करते हुए स्वामी स्वरूपानन्द ने कहा कि राम धर्म के समान हैं और सीता नीति के समान।

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सभी धर्मो का आदर ही सनातन धर्म

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि परम धर्म संसद के आयोजन का उद्देश्य किसी अन्य धर्म का अपमान करना बिल्कुल नहीं है। सभी धर्मो के तौर तरीके, विचार अलग हैं, सबका आदर करना ही सनातन धर्म का कर्तव्य है। जिसमें जरा सा भी धर्म है उसे हम विधर्मी नहीं कह सकते हैं।

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प्रयागराज में अगला धर्म संसद

परमधर्म संसद के प्रेस प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने धर्म संसद में अगले परम धर्म संसद की घोषणा के प्रयाग में आयोजन किये जाने की जानकारी दी। बताया कि आगामी अर्धकुम्भ के अवसर पर प्रयागराज में 29 से 31 जनवरी, 2019 तक परम धर्म संसद का आयोजन किया जायेगा।

ओडिसी की प्रस्तुति ने मोहा मन

उड़ीसा से आये कलाकारों के दल ने धर्म संसद में शिव ताण्डव प्रस्तुत किया। ममता के निर्देशन में छह कलाकारों ने ओडिसी नृत्य प्रस्तुत कर प्रांगण में उपस्थित हजारों की संख्या में धर्मानुरागियों को मंत्र मुग्ध कर लिया।