वाराणसी (ब्यूरो)संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का सिस्टम अब और हाईटेक होगाअपडेट कर यहां की संस्कृति, संस्कृत और सभ्यता को एकदम ऊचाइयों पर ले जाएंगेलैब, लाइब्रेरी, ग्रंथालय से लेकर पांडुलिपियां सभी डिजिटल प्लेटफार्म पर नजर आएगीबस एक क्लिक कर देश ही नहीं पूरी दुनिया यहां की संस्कृत, संस्कृति और ग्रंथालय को देख सकेगीइसके लिए सरकार की तरफ से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को 1.16 करोड़ रुपए का बजट मिला हैइस बजट से सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सारे भवन को ऑनलाइन किया जाएगा.

वाईफाई से लैस हुआ विवि परिसर

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोहरेराम त्रिपाठी की माने तो डिजिटलाइजेशन का कार्य शुरू हो गया हैप्रारंभ में विश्वविद्यालय के पूरे परिसर को वाईफाई से लैस कर दिया गयाविभाग को भी इंटरनेट से कनेक्ट कर दिया गया हैइसके अलावा कई विभाग को भी वाईफाई से लैस किया जा रहा हैसारा सिस्टम नेट से कनेक्ट किया जा रहा है.

ढाई लाख ग्रंथालय होंगे डिजिटल प्लेटफार्म पर

सिस्टम के तहत विश्वविद्यालय परिसर में सबसे पुरानी लाइब्रेरी सरस्वती भवन पुस्तकालय हैइस लाइब्रेरी में करीब ढाई लाख के आसपास ग्रंथालय हैसभी ग्रंथालय को डिजिटल प्लेटफार्म से कनेक्ट किया जाएगाइसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में बने एक सौ दस वर्ष पुरानी हस्तलिखित विभाग में करीब 95 हजार पांडुलिपियां हैसभी को धीरे-धीरे अपडेट किया जाएगाइसके अपडेट होने से गायब होने की संभावना कम होगी.

विवि खरीदेगा अपना सर्वर

कुलपति प्रोहरेराम त्रिपाठी ने बताया कि डिजिटल प्लेटफार्म से अपडेट होने के लिए सरकार की तरफ 1.16 करोड़ बजट मिल चुका हैइस बजट से विश्वविद्यालय के सारा सिस्टम को हाईटेक किया जाएगाइसके अलावा 53 लाख रुपए से विश्वविद्यालय अपना सर्वर और लैब बनाएगासर्वर बन जाने से सारे सिस्टम को डिजिटलाइजेशन करने में दिक्कत नहीं होगीइसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

अध्यापकों के लिए 58 लाख रुपए मानदेय

1.16 लाख रुपए में से 58 लाख रुपए अध्यापकों को मानदेय दिया जाएगाजहां-जहां अध्यापकों को भेजा जाएगा उनका मानेदय निर्धारित करने के बाद ही भेजा जाएगानई शिक्षा नीति के तहत भारतीय परंपरा को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाएगा ताकि देश ही नहीं विदेशों में भी यहां की संस्कृति नजर आएसंस्कृत भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार के साथ ही विश्वविद्यालय में शिक्षण का स्तर ऊंचा रखना उनकी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है.

प्राचीन वेधशाला को किया जाएगा डेवलप

विश्वविद्यालय में प्राचीन वेध शाला और ज्योतिष खगोलीय गणना के केंद्र हैं, जल्द ही इनको विकसित किया जाएगाइस कवायद से विश्वविद्यालय संस्कृत जगत में एक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाएगा और लोग इसको देखने के लिए आयेंगेबजट मिलने के बाद विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी के डिजिटलीकरण का काम जल्द ही शुरू होगाइसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैइसके अलावा विश्वविद्यालय के मूर्धन्य विद्वानों के जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री जल्द बनाई जाएगी ताकि आने वाली पीढिय़ां उन विद्वानों से परिचित हो सकें और उनका लाभ ले सकेसभी को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए दिखाया जाएगा.

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय अब जल्द ही डिजिटल प्लेटफार्म पर नजर आएगासिस्टम को अपडेट करने के लिए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय अपना सर्वर खरीदेगा, साथ ही अपना पोर्टल भी तैयार करेगा.

प्रोहरेराम त्रिपाठी, कुलपति