वाराणसी (ब्यूरो)वाराणसी में एक जून को मतदान हैसात मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी, लेकिन पूर्वांचल के जौनपुर, भदोही समेत अन्य जिलों में 25 मई को मतदान हैइसके अलावा देश व प्रदेश के अन्य हिस्सों में 19 अप्रैल से मतदान शुरू होगाहर प्रत्याशी का लक्ष्य जीत ही होता है, इसके लिए वे हर तरीके अपनाते हैं, जो उनकी जीत का मार्ग प्रशस्त करते हैंऐसे समय में धार्मिक शहर काशी का महत्व और बढ़ जाता हैकई प्रत्याशियों ने जीत के लिए नामांकन से पहले विश्वनाथ धाम में हाजिरी लगानी शुरू कर दी हैइसके अलावा चैत्र नवरात्र के अलावा अन्य महत्वपूर्ण तिथि में विशेष अनुष्ठान भी कराने शुरू कर दिए हैंअनुष्ठान के साथ हवन-पाठ और जाप शुरू हो गए हैंइसी कड़ी में सोमवार को बलिया से चुनाव लडऩे वाले नीरज शेखर ने विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन किया

इवेंट मैनेजमेंट कंपनी एक्टिव

जैसे-जैसे नामांकन की तारीखें करीब आ रही हैं, वैसे-वैसे चुनावों में नए रंग देखने को मिल रहे हैंइवेंट मैनेजमेंट कंपनियां जनता का दिल जीतने के लिए तरह-तरह के प्रोग्राम आयोजित करवा रही हैंकई कंपनियां नेताओं को मीडिया प्लेटफार्मों पर इमेज बिल्डिंग और फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने के पैकेज ऑफर कर रही हैइस क्रम में पंडितों, ज्योतिष-कर्मकांडियों की भी चांदी हो गई हैबनारस से लेकर उज्जैन व दक्षिण भारत तक चुनाव में प्रत्याशी बनने और विजयी होने की कुंडली दिखाई जा रही हैउम्मीदवारों द्वारा अप्रैल से एक जून के बीच ग्रहों के गोचर (ट्रांजिट) के कुंडलियों पर प्रभाव का बारीकी से विश्लेषण करवाया जा रहा हैइसी के आधार पर ज्योतिष विशिष्ट जप, पूजा-पाठ और हवन के सुझाव दे रहे हैं.

दिखा रहे कुंडली

ज्योतिषाचार्य पंडित सुनील महाराज ने बताया कि जिन्होंने चुनाव की घोषणा के साथ ही कुंडली दिखायी थी, अब उनके अनुष्ठान शुरू हो चुके हैंइनमें प्रत्याशियों के अलावा वे भी हैं जिन्हें अभी किसी खास क्षेत्र से प्रत्याशी बनने की आस हैचुनावी रण में प्रतिद्वंद्वी शत्रु के समान ही होते हैं, इसलिए ज्योतिष शत्रु विजय की कामना से अनुष्ठान करवा रहे हैंजप संख्या कहीं सवा लाख, कहीं पांच लाख निर्देशित की गई हैकहीं पांच और सात-सात लाख के दो से तीन पुरश्चरण भी हो रहे हैं.

कराते खास पूजन

दुर्गा मंदिर में जप-अनुष्ठान करा रहे एक ज्योतिषी का कहना है कि चैत्र नवरात्र से हमारी व्यस्तता ज्यादा बढ़ गई हैइस विशेष अवधि में परंपरागत यजमानों के यहां चंडी या सप्तशती पाठ तो होते ही हैंनवरात्र में अष्टमी और नवमी की तिथि बेहद अहम होती है, इसलिए जो लोग चुनाव में उम्मीदवार बने हैं, वे इस खास दिन हवन और पूजन करवाते हैंइस दिन होने वाले अनुष्ठान में उम्मीदवार खुद भाग लेते हैंबाकी दिनों में उनके परिवार के सदस्य उनकी तरफ से शामिल होते हैं.