- कबीर प्राकट्य स्थली लहरतारा तालाब में गिर रहा सीवर का पानी

-तालाब में सीवर का पानी ही नहीं, बल्कि कूड़ा भी डाल दे रहे हैं लोग

- कबीर के अनुयायी मुंह पर रुमाल रखकर आश्रम तक जाते हैं

::: प्वाइंटर :::

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हजार घरों के सीवर का पानी तालाब में जाकर समा रहा है

वाराणसी समेत पूरे देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है। सरकार ने शहर हो या गांव, सभी जगहों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए निर्देश दिए हैं। कहीं भी जलजमाव न हो, इसपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन करीब दास की जन्मस्थली लहरतारा में सब कुछ इसके उलट हो रहा है। प्राकट्य स्थल लहरतारा तालाब की सफाई तो दूर, उल्टे उसे दूषित किया जा रहा है। नई बस्ती इलाके में जल निकासी की व्यवस्था न होने से करीब दो हजार घरों के सीवर का पानी तालाब में जाकर समा रहा है।

नई बस्ती इलाके में सबसे बड़ी समस्या जलनिकासी की है। इस इलाके का कुछ हिस्सा नगर निगम में तो आधा से ज्यादा जिला पंचायत में आता है। पूरे इलाके में ग्राम प्रधान के कोटा से सीवर लाइन डाला गया, जिसे मैन लाइन से कनेक्ट नहीं किया गया है। इस वजह से पूरे इलाके के घरों के सीवर का पानी पाइप लाइन से होकर सीधे तालाब में जा रहा है। सीवर के पानी से तालाब पूरी तरह से दूषित हो गया है। तालाब गंदा होने से दिनभर सुअर का जमावड़ा रहता है।

तालाब में फेंका जाता कूड़ा भी

कबीर प्राकट्य स्थली लहरतारा तालाब में सीवर का पानी ही नहीं, बल्कि कूड़ा भी डाल दिया जाता है। काशी विद्यापीठ ब्लॉक से संचालित कूड़ा गाड़ी इस इलाके में नहीं आती है, और न ही नगर निगम की ओर से कूड़ा उठान की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसी स्थित में नई बस्ती के लोगों द्वारा आए दिन तालाब में कूड़ा फेंका जाता है। कूड़े से पूरा तालाब पट गया है। इसके अलावा तालाब से बदबू भी आती रहती है। यहां से गुजरने वाले कबीर के अनुयायी मुंह पर रुमाल रखकर आश्रम तक जाते हैं।

तो शहर की रैंकिंग गिरनी तय

स्मार्ट सिटी योजना के तहत वाराणसी में भी स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान चल रहा है। दिल्ली से आई टीम शहर में घूम-घूम कर लोगों से स्वच्छता पर फीडबैक ले रही है। हालांकि टीम के पास इस तालाब के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी, नहीं तो यहां जरूर आती है। लोगों से फीडबैक भी लेती। अगर ऐसा हुआ तो स्वच्छता में वाराणसी की रैंकिंग जरूर गिरेगी। क्योंकि रैंकिंग में स्वच्छता को लेकर 1800 नंबर मिलता है।

सरकार का यह है आदेश

सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज ने सभी सीडीओ और डीपीआरओ को पत्र भेजकर कहा है कि सभी गांवों में स्वच्छता होनी चाहिए। कहीं जलभराव नहीं होना चाहिए तथा नालियों एवं सीवर का गंदा पानी भी आबादी के बीच स्थित तालाबों में नहीं गिराया जाना चाहिए। जिन गांवों में जलनिकासी के पानी को एकत्रित करने के लिए आबादी से दूर कोई तालाब आदि न हो तो वहां मनरेगा या किसी अन्य मद से सोक पिट (सोख्ता) या तालाब बनवाया जा सकता है। इसमें ही नालियों व सीवर का गंदा पानी तथा घरों से निकले लिक्विड वेस्ट को गिराया जाएगा।

::: कोट :::

मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। नगर निगम सीमा में शामिल गांवों में सर्वे चल रहा है। लहरतारा तालाब के बारे में जानकारी ली जाएगी। जलनिकासी का प्रबंध भी कराया जाएगा। नाली या सीवर का पानी आबादी के बीच स्थित तालाब में नहीं गिरने दिया जाएगा।

-राघवेंद्र कुमार, जीएम-जलकल