-बाबा के दर्शन करने को लाइन में लगे श्रद्धालुओं का मुस्लिम समुदाय ने फूल की पंखुडि़यों से किया स्वागत

सांस्कृतिक राजधानी के रूप में पूरी दुनिया में फेमस वाराणसी की गंगा-जमुनी तहजीब भी विश्वविख्यात है। गुरुवार को महाशिवरात्रि पर मुस्लिम समुदाय ने फूलों की वर्षा कर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की। बाबा का दर्शन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं पर एक-एक कर पुष्प वर्षा से अनेकता में एकता का एहसास हुआ। धर्म और आध्यात्म की नगरी बनारस में हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि पर अलग ही रंग रहा। यहां के मंदिरों में देवाधिदेव महादेव की एक झलक पाने के लिए एक दिन पहले देर रात से ही लाइन लग गयी थी।

महिलाएं भी रहीं शामिल

बाबा के दर्शन करने के लिए लाइन में लगे शिव भक्तों पर मुस्लिम समुदाय के पुरुषों व महिलाओं ने गुलाब फूल की पंखुडि़यों बरसाई। पुष्प वर्षा कर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने संदेश दिया कि देश में हर धर्म के लिए हर त्यौहार समान महत्व रखता है। गोदौलिया से लेकर से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर तक लाइन में खड़े लोगों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने फूलों की बारिश करते हुए हर हर महादेव का जयघोष किया। पुष्प वर्षा में शामिल मुस्लिम महिला और पुरुषों ने शिव भक्तों पर फूलों की बारिश से बनारस की गंगा जमुनी तहजीब का संदेश देने की कोशिश की गयी।

इस साल भी निभायी परंपरा

श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करने वाले मोहम्मद आसिफ के साथ कलीम, परवीन, आसमां तथा इमरान ने बताया कि देश का प्रत्येक भारतीय हर धर्म को सम्मान देता है। यही वजह है कि पिछले साल की परंपरा को निभाते हुए इस साल भी भक्तों का फुल की पंखुडि़यों से स्वागत किया गया। यह बताने के लिए काफी है कि भारत में सब धर्म एकजुट हैं और हर त्यौहार सभी साथ में मनाते हैं। कहा कि बनारस में मुस्लिमों ने शिव भक्तों पर मंदिर दर्शन के लिए जाते समय पुष्पवर्षा कर गंगा जमुनी तहजीब की परंपरा का निर्वहन किया है। गंगा-जमुनी तहजीब की परंपरा के निर्वहन की यह प्रक्रिया अब परंपरा का हिस्सा बन चुकी है।