-कल से ट्रेन में लग जाएंगे खास तरीके से तैयार एलएचबी कोच

-जर्मन टेक्नोलाजी से बने कोच में होगा बायो टॉयलेट

<-कल से ट्रेन में लग जाएंगे खास तरीके से तैयार एलएचबी कोच

-जर्मन टेक्नोलाजी से बने कोच में होगा बायो टॉयलेट

VARANASI: varanasi@inext.co.in

VARANASI: बनारस से नई दिल्ली के बीच संचालित होने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस में अब पैसेंजर्स को झटका नहीं लगेगा। रेलवे ने झटका व हिचकोले देने वाले कोचेज को हटाने का डिसीजन लिया है। इनकी जगह खास तरीके से तैयार एलएचबी कोचेज लगाए जाएंगे। शिवगंगा एक्सप्रेस में ये कोच क्म् जून से जुड़ जाएंगे। इसके बाद इन कोचेज में जर्नी करने वालों को पुराने कोचेज से मुक्ति मिल जाएगी। पैसेंजर्स राजधानी व शताब्दी जैसे कोच में अपना सफर पूरा करेंगे। मंडुआडीह से नई दिल्ली जाने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस में एलएचबी कोच क्म् जून को और क्7 जून को नई दिल्ली से वापसी से पहले ट्रेन में इस खास कोच को लगाया जाएगा।

7ख् नहीं अब 80 सीट्स

शिवगंगा एक्सप्रेस में पहले जहां स्लीपर में 7ख् सीटें होती थीं वहीं अब 80 सीट्स होंगी। इसी तरह जनरल कोच में 90 की जगह अब क्00 पैसेंजर्स जर्नी कर सकेंगे। एसी थ्री टियर में म्ब् की जगह 7ख्, एसी सेकेंड में ब्म् की जगह भ्ख् व एसी फ‌र्स्ट में क्8 की जगह ख्ब् पैसेंजर्स के बैठने की व्यवस्था की गयी है। सीट्स के बढ़ने से जिनको शिवगंगा में कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता था अब उनको फायदा होगा। कम से कम बहुत लोगों को तो नहीं, पर कुछ लोगों को तो वेटिंग से मुक्ति मिल जाएगी।

ख्ख् कोच की होगी ट्रेन

नई दिल्ली रूट पर चलने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस में अब ख्ख् कोच लगेंगे। इनमें जनरल कैटगरी के तीन, स्लीपर के क्0, एसी थर्ड के चार, एसी सेकेंड कोच के अलावा पावर कार के दो एवं पैंट्रीकार का एक कोच लगेगा। खास बात यह है कि इन कोचेज में बायो टॉयलेट इंस्टाल किए गए हैं। जिससे प्लेटफॉर्म सहित ट्रैक पर गंदगी नहीं होगी।

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जर्मन कंपनी ने किया डेवलप

भारतीय रेल ने परंपरागत कोच से पैसेंजर्स को मुक्ति दिलाने के लिए जर्मन टेक्नोलॉजी के एलएचबी कोच को बनाने का डिसीजन लिया। भारत में लंबे समय से तैयार हो रहे इन कोचेज को जर्मन कंपनी लिंक हॉफमैन बुश ने डेवलप किया है। इस कोच में ऐसे ब्रेक सिस्टम हैं जो झटके कम देने के साथ ही एक्सिडेंट से बचाते हैं। कोच के बाहरी भाग स्टील और अंदर अल्यूमिनियम शीट से बना होता है। इसमें लाइट सिलिंग में होती है और लगेज के रैक चौड़े होते हैं। इसकी स्पीड क्म्0 किमी से ज्यादा है। एंटी टेलीस्कोपिक होने के कारण सीधी टक्कर होने पर कोच न ऊपर उठते हैं न टूटते हैं।