-प्राइमरी सेक्शन में क्लासेस की हुई शुरुआत

-बेसिक स्कूल्स के स्टूडेंट्स पहुंचे स्कूल, बच्चों का हुआ भव्य स्वागत

-प्राइवेट इंग्लिश स्कूल में एग्जाम बाद चलेगी कक्षाएं

कोरोना संक्रमण के चलते लगभग एक साल से बंद स्कूलों में सोमवार से फिर रौनक लौट आयी। कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए स्कूल लंबे समय बाद खुल गए। सोमवार की सुबह स्कूल पहुंचे बच्चों के माथे पर कहीं टीका लगाया गया तो कहीं पुष्प वर्षा कर उनका वेलकम हुआ। बच्चे हंसते हुए उत्साह के साथ घर से स्कूल के लिए निकले। बता दें कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण लगभग एक साल बाद फिर से स्कूल खोले गए हैं। स्कूलों में बच्चों का स्वागत करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग व टीचर्स की ओर से खास तैयारी की गयी थी। इस दौरान अलग-अलग स्कूलों में उनके स्वागत को अलग-अलग इंतजाम किए गए थे। कई स्कूल फुल व गुब्बारे से भी सजाए गए थे। वहीं ज्यादातर इंग्लिश स्कूल में एग्जाम के चलते क्लासेस ओपेन नहीं हुए। यहां एग्जाम के बाद ही कक्षाएं चलेंगी।

पहले दिन कक्षा एक से पांच तक के बच्चे आए

लगभग 11 महीने के बाद एक मार्च से कक्षा एक व पांच के बच्चों को स्कूल बुलाया गया था। कई महीनों बाद स्कूल पहुंचे बच्चे एकटक अपनी कक्षा को निहार रहे थे। मानों दूसरी दुनिया में आ गए हों। क्लास में अपनी बेंच पर बैठकर उनकी खुशी दोगुनी हो गयी। यही नहीं वे अपने दोस्तों से मिलकर भी उत्साहित थे। कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया तो एक दिन पहले ही पूरे स्कूल को सैनिटाइज करा दिया गया था। इसके पहले स्कूल आए बच्चों का गेट पर ही हाथ भी सैनिटाइज कराया गया।

बिना मास्क के दिखे बच्चे

सिटी के अधिकतर बेसिक स्कूलों को नगर निगम की ओर से एक दिन पहले ही सैनिटाइज कर दिया गया था। वहीं कई जगहों पर टीचर्स व स्टॉफ ने बच्चों के आने से पहले खुद स्कूल की साफ सफाई करवाई। पढ़ने आए बच्चों का हाथ सैनिटाइज कराने के बाद ही एंट्री दी गयी। लेकिन आश्चर्य करने वाली बात यह कि अधिकांश बच्चों के चेहरे पर मास्क नहीं थे। वो बिना मास्क के ही अपने स्कूल पहुंचे थे। इसके लिए स्कूल्स व विभाग की ओर से भी कोई इंतजाम नहीं किया गया था।

बहुत कम रही उपस्थिति

लंबे समय से छुट्टी व एक दिन पहले रविवार के बाद स्कूल खुलने से एक मार्च को बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रही। हांलाकि कोरोना को देखते हुए एकसाथ केवल 50 परसेंट बच्चों को ही स्कूल बुलाना है। बच्चों की उपस्थिति कम होने के पीछे यह भी सबसे बड़ा कारण रहा। जब तक प्रत्येक कक्षा में रजिस्टर्ड बच्चों को बुलाने का आदेश नहीं आ जाता तब तक यही हाल रहेगा।

बच्चों में बंटा एमडीएम

स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों के लिए एमडीएम की व्यवस्था भी कर ली गयी थी। सुबह बच्चों के स्कूल पहुंचते ही सभी स्कूलों में मिड-डे-मील बनने लगा था। मेन्यू के हिसाब से बच्चों को दोपहर में एमडीएम परोसा गया। बहुत दिनों बाद स्कूल में भोजन पाकर बच्चों के चेहरे खिलखिला उठे। उन स्कूल्स में मिड डे मील बनवाने में परेशानी हुई जहां बहुत कम बच्चे पहुंचे थे।

एग्जाम बाद चलेगी क्लास

बेसिक स्कूल्स का सन्नाटा तो टूट गया। लेकिन शहर के इंग्लिश स्कूल की खामोशी अब भी बरकरार है। कारण कि ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में इस समय एग्जाम चल रहा है। कई जगह एग्जाम समाप्त होने वाला है तो कई स्कूलों में अभी शुरुआत हुई है। ऐसे में अचानक आदेश आने पर इन स्कूल्स ने एग्जाम बाद ही प्राइमरी सेक्शन में क्लासेस चलाने का प्लान बनाया है। जिले के बड़े स्कूल्स से लेकर मिशनरीज विद्यालयों का भी यही हाल है।

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इन दिनों में होगी पढ़ाई

-कक्षा 01 और 05 -सोमवार, गुरुवार

-कक्षा 02 और 04 -मंगलवार, शुक्रवार

-कक्षा 03 -बुधवार, शनिवार