कोरोना संक्रमण के मद्देनजर रक्षाबंधन के दिन भाई-बहनों के मिलने पर रहेगी रोक

- जेल के गेट पर बने काउंटर पर बहनें एक अगस्त की शाम चार बजे तक राखी, चंदन मिठाई लिफाफे में दे सकती हैं

जिला और केंद्रीय कारागार में बंद बंदियों और कैदियों की कलाई इस बार सूनी रहेगी। मिठाई तक भी नसीब नहीं होगी। कोरोना संक्रमण के चलते बंदियों को उनकी बहनें इस रक्षाबंधन पर राखी नहीं बांध पाएंगी। कोरोना को लेकर जारी शासनादेश के कारण बंदियों से मुलाकात पर पाबंदी रहेगी। हालांकि कारागार के गेट पर बने काउंटर पर बहनें आकर अपना नाम-पता दर्ज कराकर एक अगस्त की शाम चार बजे तक राखी, चंदन व चावल एक लिफाफे में बंदी भाइयों के लिए दे सकती हैं, लेकिन भाईयों को मिठाई खिलाने का परमिशन नहीं है।

22 मार्च से बैन

कोरोना संक्रमण के कारण बनारस सहित प्रदेश भर की जेलों में बंद बंदियों और उनके परिजनों की मुलाकात पर 22 मार्च से पाबंदी लगी हुई है। मुलाकात का सिलसिला कब शुरू होगा, इस संबंध में शासन स्तर से कोई निर्देश भी नहीं आया है। इसके अलावा कैदियों, बंदियों और जेल स्टाफ को कोरोना से बचाने के लिए इस रक्षाबंधन पर बहनों को जेल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह पहली बार हो रहा है, जब बहनें अपने भाईयों को राखी नहीं बांध पाएंगी।

जेल में हैं चार हजार भाई

मौजूदा समय में जिला जेल में 2025 बंदी और केंद्रीय कारागार में 1739 कैदी बंद हैं। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए बीते दिनों जिला जेल के 68 कैदी और 390 बंदी पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़े गए थे। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन हो सके। हालांकि इससे कोई खास फायदा नहीं हुआ, कारण कि अभी जिला और केंद्रीय कारागार में क्षमता से तीन गुना ज्यादा बंदी और कैदी हैं।

मुलाकात से संक्रमण का खतरा

रक्षाबंधन के दिन हर साल बंदियों की बहनें जेल आती थीं और अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती थी, लेकिन इस बार ऐसा संभव नहीं है। जेल अधिकारियों का कहना है कि मुलाकात शुरू होगी तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसी वजह से ही जो भी लोग आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किये जा रहे हैं, उन्हें पहले अस्थायी जेल में रखा जा रहा है। जांच में जब पुष्टि हो जाती है कि वे स्वस्थ हैं, तभी जिला जेल में दाखिल किया जाता है। बंदियों और उनके परिजनों की मुलाकात पर फिलहाल पाबंदी लगी हुई है। रक्षाबंधन पर भी यही व्यवस्था रहेगी।

कोरोना को देखते हुए इस रक्षाबंधन पर जेल में बहनों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कारागार के गेट पर बने काउंटर पर आकर वह अपना नाम-पता दर्ज कराकर एक अगस्त की शाम चार बजे तक राखी, चंदन व चावल एक लिफाफे में रखकर बंदियों के लिए दे सकती हैं।

-पवन कुमार त्रिवेदी, अधीक्षक, जिला कारागार