-दो सप्ताह के अंदर जांच टीम शासन को सौंपेगी रिपोर्ट

- डीजी और एडीजी को बनाया गया टीम का सदस्य

बीएसपी सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती ने न्याय के लिए ऐसा आत्मघाती कदम उठाया की यूपी सरकार तक हिल गई। इसके बाद योगी सरकार सख्त हुई। नतीजा यह रहा कि वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी रहे अमित पाठक को गाजियाबाद एसएसपी से हटाकर डीजीपी मुख्यालय अटैच कर दिया गया। वहीं आनन-फानन में कमिश्नरेट के कैंट थाने के प्रभारी निरीक्षक और विवेचक तक पर कार्रवाई करनी पड़ गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को राज्य सरकार ने जांच का जिम्मा एसआईटी के हवाले कर दिया। एसआईटी टीम में डीजी आरके विश्वकर्मा और एडीजी नीरा रावत को रखा गया है। एसआईटी मामले की जांच करते हुए दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

यह है मामला

बसपा सांसद अतुल राय पर बलिया की रहने वाली एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। बाद में सांसद ने भी युवती पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया और मुकदमा दर्ज कराया। इस पर युवती की गिरफ्तारी के लिए वारंट भी जारी हो गया। अंतत: न्याय की आस में रही युवती दुखी होकर गवाह के साथ सोमवार को वाराणसी पुलिस पर कई तरह के आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह की कोशिश की। पीडि़ता और गवाह दोनों झुलस गए। गंभीर हालत में उन्हें राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां हालत नाजुक बनी हुई है।

लंका थाने में किया था केस

पूरा मामला दो साल पहले लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान प्रकाश में आया। जब घोसी से बसपा के टिकट पर ताल ठोकने गाजीपुर के भावरकोल निवासी अतुल राय उतरे थे। चुनाव की तैयारी के दौरान ही पहली मई 2019 को युवती ने वाराणसी के लंका थाने में अतुल राय पर रेप का मुकदमा दर्ज कराया। केस दर्ज कराते ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी और अतुल राय भूमिगत हो गये। चुनाव के दौरान अतुल राय गायब ही रहे। चुनाव जीतते ही आत्मसमर्पण किया और कोर्ट ने जेल भेज दिया, तभी से अतुल राय प्रयागराज के नैनी जेल में बंद हैं।

युवती का आरोप

युवती का आरोप है कि अतुल राय ने सात मार्च 2018 को लंका स्थित फ्लैट में पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया। वहां पहुंचने पर दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो भी बना लिया। उसी वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर लगातार यौन शोषण किया जा जाता रहा।

पुलिस और जांच

मामले की जांच तत्कालीन भेलूपुर सीओ अमरेश सिंह बघेल ने की थी। जांच में बताया कि अतुल राय के विरुद्ध दुराचार का मुकदमा लिखवाने वाली युवती के साथ एक युवक सत्यम राय और सोनभद्र जिला कारागार में निरुद्ध सजायाफ्ता अंगद राय ने साजिश कर उन्हें दुराचार केस में फर्जी तरीके से फंसाया। यह भी पाया गया कि सत्यम राय तथा जेल में बंद अंगद राय की कई बार वार्ता हुई। जांच आख्या के अनुसार एक साल की अवधि में अंगद राय ने सोनभद्र जेल से मोबाइल से कुल 13672 बार अलग-अलग लोगों से वार्ता की। जांच आख्या में सीओ भेलूपुर ने सांसद के खिलाफ दर्ज दुराचार के मुकदमे की धारा 173 (8) सीआरपीसी में पुनíववेचना किये जाने की संस्तुति की। प्रकरण में सीओ की भूमिका संदिग्ध पाये जाने पर 30 नवंबर 2020 को शासन से उन्हें निलंबित कर दिया।